डेली संवाद, इस्लामाबाद। Press Club Islamabad Pakistan News Update: प्रेस क्लब में जबरन घुसकर पत्रकारों को पीटने को लेकर पत्रकारों में सरकार के प्रति रोष है। पाकिस्तान (Pakistan) के इस्लामाबाद (Islamabad) में नेशनल प्रेस क्लब (National Press Club) में पत्रकारों पर हुए कथित हमले के बाद से पत्रकारों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।
पाकिस्तान (Pakistan) पत्रकार संघ ने शुक्रवार यानि आज “काला दिवस” मनाने की घोषणा की है। पत्रकार संघ ने हमले को लेकर कहा कि यह हमला मीडिया की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। दरअसल, पीओजेके का वकील समुदाय प्रेस क्लब में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहा था। इसी दौरान पुलिस बल ने उन पर हमला कर दिया।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद पुलिस द्वारा नेशनल प्रेस क्लब (National Press Club) में घुसकर पत्रकारों पर हमला करने के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गुरुवार को जांच के आदेश दिए।

काले झंडे फहराएंगे
पत्रकारों पर हुए हमले को लेकर पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (PFUJ) के अध्यक्ष अफजल बट ने कहा, “पत्रकार इस समय गुस्से में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान भर के सभी प्रेस क्लब इस कृत्य की निंदा में काले झंडे फहराएंगे।
यह भी पढ़ें: जालंधर के अरमान अस्पताल में इलाज के दौरान मृत हुई टीचर के परिजनों को इंसाफ की दरकार
अफजल बट ने आगे कहा कि यह केवल इस्लामाबाद प्रेस क्लब का मामला नहीं है। पाकिस्तान भर के प्रेस क्लबों का मानना है कि अगर वे इस सबसे बुरी घटना को नजरअंदाज करते हैं, तो कल यह कराची, लाहौर, पेशावर या क्वेटा हो सकता है।

पत्रकार का टूटा कैमरा
पाकिस्तानी न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पुलिसकर्मियों द्वारा लाठी लेकर पत्रकारों को घसीटते, कैमरे तोड़ते और एनपीसी के अंदर कर्मचारियों पर हमला करते हुए दिखाया गया। तस्वीरों में एक फोटो पत्रकार की शर्ट फटी हुई और कैमरा टूटा हुआ दिखाई दे रहा है।
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने एक बयान में कहा, “पत्रकार समुदाय के खिलाफ हिंसा किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जा सकती।” उन्होंने ने कहा कि इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही नकवी ने इस्लामाबाद के महानिरीक्षक से रिपोर्ट मांगी है।
सरकार ने पुलिस को भेजा
इसके अलावा पाकिस्तान के अन्य पत्रकार संगठनों ने सरकार पर छापे को मंजूरी देने का आरोप लगाया। रावलपिंडी-इस्लामाबाद पत्रकार संघ के अध्यक्ष तारिक विर्क ने कहा कि इस्लामाबाद पुलिस यहां खुद नहीं आई थी। उन्हें भेजा गया था। पुलिस ने एक बीमार कर्मचारी को भी प्रताड़ित किया और गिरफ्तार कर लिया। अब हम ऐसी कार्ययोजना अपनाएंगे कि कोई भी इस तरह का दुराचार दोहराने की हिम्मत न करे।







