डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब (Punjab) के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस (Harjot Singh Bains) ने घोषणा की है कि विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान 71 सरकारी शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं और विशेष योगदान के लिए गौरवमय राज्य शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा।
उज्ज्वल भविष्य के लिए मार्गदर्शक
इस का उद्देश्य राज्य के शिक्षा क्षेत्र में इन अध्यापकों के समर्पण और शानदार योगदान को योगदान की प्रशंसा करना है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह पुरस्कार केवल शिक्षकों की उपलब्धियों का ही सम्मान नहीं करते, बल्कि उनके उस समर्पण और मेहनत को भी मान्यता देते हैं, जिसके बल पर वे विद्यार्थियों के सपनों को साकार करते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए मार्गदर्शक बनते हैं।

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स्टेट अवार्डों संबंधी जानकारी साझा करते हुए हरजोत सिंह बैंस (Harjot Singh Bains) ने बताया कि 55 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया जाएगा (जिनमें 34 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और 21 प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं)। इसके अतिरिक्त 10 शिक्षकों को यंग टीचर अवार्ड (6 सेकेंडरी और 4 प्राइमरी शिक्षक) दिया जाएगा। तीन शिक्षकों को विशेष शिक्षक पुरस्कार और तीन को उनकी विशिष्ट नेतृत्व क्षमता के लिए प्रबंधकीय (एडमिनिस्ट्रेटिव) पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक पुरस्कार विजेता को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान एक पदक, शाल और प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान पंजाब का शिक्षा क्षेत्र तेजी से तरक्की कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्टेट टीचर अवार्ड समारोह राज्य सरकार के शिक्षकों की कारगुज़ारी को मान्यता देने और उनको और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करने की वचनबद्धता का प्रमाण है ताकि राज्य के शिक्षा क्षेत्र में उद्यमिता और समर्पण के सभ्याचार को और उत्साहित किया जा सके।
जिक्र योग्य है कि पंजाब नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एन ए एस)2024 जिसको राष्ट्रीय प्रशिक्षण सर्वेक्षण भी कहा जाता है में सभी राज्यों को पछाड़ कर अग्रणीय रहा। इसी तरह 11वीं श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए उद्यमिता को मुख्य विषय के तौर पर शामिल करने में पंजाब देश भर में पहला राज्य बन गया है। इस विषय को शामिल करने का उद्देश्य विद्यार्थियों में उद्यमी मानसिकता को प्रफुलित करना है ताकि वह नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बने।







