CJI BR Gavai Attack Case: चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने वाला वकील आया सामने, कहा- जो किया, उसका कोई अफसोस नहीं

Daily Samvad
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CJI Gavai and Advocate Rakesh

डेली संवाद, नई दिल्ली। CJI BR Gavai Attack Case Supreme Court Lawyer Rakesh Kishore: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले एडवोकेट राकेश किशोर कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। वकील राकेश किशोर ने कहा कि CJI गवई के भगवान विष्णु पर दिए बयान से आहत हूं। उनके एक्शन (टिप्पणी) पर ये मेरा रिएक्शन था। मैं नशे में नहीं था। जो हुआ, मुझे उसका अफसोस नहीं, किसी का डर भी नहीं है।

वकील राकेश किशोर (Rakesh Kishore) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यही चीफ जस्टिस (CJI) बहुत सारे धर्मों के खिलाफ, दूसरे समुदाय के लोगों के खिलाफ केस आता है तो बड़े-बड़े स्टेप लेते हैं। उदाहरण के लिए- हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर विशेष समुदाय का कब्जा है, सुप्रीम कोर्ट ने उस पर तीन साल पहले स्टे लगाया, जो आज तक लगा हुआ है।

CJI BR Gavai Supreme Court
CJI BR Gavai Supreme Court

बार ने लाइसेंस निलंबित किया

उधर, इस घटना पर SC बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा है कि भगवान विष्णु की मूर्ति केस में CJI की टिप्पणी को गलत तरीके से दिखाया गया, जिससे ऐसा लगा जैसे CJI ने देवता का अपमान किया। वकील ने मशहूर होने के लिए ऐसा किया।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने आरोपी वकील राकेश किशोर कुमार का लाइसेंस रद्द कर दिया है। उसका रजिस्ट्रेशन 2011 का है। इसके साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी आरोपी को तुरंत निलंबित कर दिया।

पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ा

सीजीआई गवई (CJI BR Gavai) पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट कैंपस में ही 3 घंटे पूछताछ की थी। पुलिस ने कहा कि SC अधिकारियों ने मामले में कोई शिकायत नहीं की। उनसे बातचीत के बाद वकील को छोड़ा गया।

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बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने ये आदेश जारी किया था। उन्होंने कहा था कि यह वकीलों के आचरण, नियमों का उल्लंघन है। निलंबन के दौरान किशोर कहीं भी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। 15 दिनों में शो कॉज नोटिस भी जारी किया जाएगा।

Supreme Court CJI BR Gavai
Supreme Court CJI BR Gavai

बार काउंसिल ने कहा

सुप्रीम कोर्ट बार काउंसिल ने कहा कि ऐसा असंयमित व्यवहार पूरी तरह अनुचित है और न्यायालय और वकील समुदाय के बीच पारस्परिक सम्मान की नींव को हिलाता है। कोई भी ऐसा कार्य जो इस पवित्र बंधन को कमजोर करता है, न केवल संस्था को बल्कि हमारे राष्ट्र में न्याय के ताने-बाने को भी क्षति पहुंचाता है।

वकील राकेश किशोर बोले

वकील राकेश किशोर ने कहा कि – बात ये है कि मैं बहुत ज्यादा आहत हुआ, 16 सितंबर को चीफ जस्टिस के कोर्ट में किसी व्यक्ति ने PIL दाखिल की, तो गवई साहब ने पूरी तरह से उसका मजाक उड़ाया, कहा कि आप मूर्ति से प्रार्थना करो, मूर्ति से कहो कि अपना सिर रिस्टोर कर ले।

जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला जैसे- जल्लीकट्टू हो, दही हांडी की ऊंचाई… तो ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट ऐसे ऑर्डर पास करती है, जिनसे मुझे बहुत दुख होता है। इन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। ठीक है उस आदमी (याचिकाकर्ता) को रिलीफ नहीं देनी है, नहीं दीजिए… लेकिन उसका मजाक नहीं उड़ाएं, उसकी याचिका भी खारिज कर दी।

Supreme-Court
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सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान

6 अक्टूबर को जूता फेंकने पर पकड़े जाने के बाद वकील राकेश किशोर ने नारा लगाते हुए कहा था- सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।’ वहीं घटना के बाद CJI ने अदालत में मौजूद वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा कि इस सबसे परेशान न हों। मैं भी परेशान नहीं हूं, इन चीजों से मुझे फर्क नहीं पड़ता।















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