FASTag New Rule: नवंबर से बदल जाएंगे FASTag के नियम, कर लें ये काम, नहीं तो लगेंगे दोगुना टोल

केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा की है। फास्टैग के नियम 15 नवंबर से बदल जाएंगे। इस बदलाव से वाहन चालकों को नुकसान भी हो सकता है। आईए जानते हैं नवंबर से हो रहे बदलाव के बाद फास्टैग का नियम क्या रहेगा?

Daily Samvad
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Fastag New Rules
Highlights
  • हाईवे पर लंबी दूरी वाले वाहन चालकों के लिए बड़ी खबर
  • FASTag कंपलीट कर लें, नहीं तो दोगुना फीस देनी पड़ेगी
  • केंद्र सरकार की घोषणा के बाद अगले महीने नया नियम लागू होगा

डेली संवाद, नई दिल्ली। FASTag New Rule News Update: केंद्र सरकार फास्टैग (FASTag) के नियम बदलने जा रही है। अगले महीने नवंबर से फास्टैग (FASTag) के नियम में बड़ा बदलाव होगा। इससे वाहन चालकों पर बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है। खासकर उन वाहनों पर जो ज्यादातर हाईवे पर होते हैं। या यूं कहें कि आप अगर हाईवे पर अपना वाहन चलाते हैं तो इस बदलाव को जरूर पढ़ लें।

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ी घोषणा की है। केंद्र सरकार की घोषणा के मुताबिक अगले महीने 15 नवंबर से बिना वैध फास्टैग (FASTag) के टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर प्रवेश करने वाले वाहनों को नकद भुगतान करने पर सामान्य शुल्क का दोगुना भुगतान करना होगा। हालांकि, यूपीआई (UPI) का उपयोग कर के पेमेंट करने वालों को थोड़ी राहत होगी।

Toll Plaza
Toll Plaza

कैसे मिलेगी राहत

केंद्र सरकार की घोषणा के मुताबिक बिना वैध फास्टैग (FASTag) के टोल प्लाजा पर प्रवेश करने वाले वाहन अगर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की मदद से टोल देने का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें टोल का केवल 1.25 गुना ही भुगतान करना होगा। सरकार के यह कदम राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम 2008 में संशोधन का एक हिस्सा है।

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केंद्र सरकार के मुताबिक फास्टैग (FASTag) के नियमों में बदलाव का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर नकद लेनदेन पर अंकुश लगाना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है। इससे जहां आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर आपका स्टीकर रिचार्ज नहीं है तो आपको दोगुना पैसा देना पड़ेगा। इससे परेशानी भी बढ़ जाएगी।

How to get FASTag Annual Pass?
How to get FASTag Annual Pass?

यू समझिए नया नियम

सामान्य भाषा में समझें, तो यदि किसी वाहन के पास वैध फास्टैग (FASTag) नहीं है या किसी कारणवश उसका फास्टैग (FASTag) नहीं काम कर रहा है और उस वाहन का फास्टैग के माध्यम से टोल 100 रुपये देना है, तो नकद भुगतान के लिए यह बढ़कर 200 रुपये और UPI भुगतान के लिए 125 रुपये हो जाएगा।

माना जा रहा है कि ये नया नियम यातायात प्रवाह को सुव्यवस्थित करने और टोल संग्रह में पारदर्शिता बढ़ाने में मदद करेगा। इसके साथ ही यह यात्रियों को डिजिटल माध्यम अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया है। सरकार का दावा है कि इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

FASTag क्या होता है?

फास्टैग (FASTag) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा संचालित एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है। इसकी मदद से हाइवे से गुजरने वाले वाहन डिजिटल तरीके से टोल का भुगतान कर सकते हैं। फास्टैग की मदद से डिजिटल तरीके टोल का कलेक्शन किया जाता है। यह टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करके टोल शुल्क स्वचालित रूप से काट लेता है।

fastag
fastag

साल 2021 में केंद्र सरकार ने फास्टैग (FASTag) को वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद सरकार ने इसके उपयोग का लगातार विस्तार किया है। अब नए नियमों में बदलाव के बाद अधिकारियों को उम्मीद है कि नकद भुगतान को और कम किया जा सकेगा। वहीं, डिजिटल लेनदेन अपनाने वाले यात्रियों को भी लाभ मिलेगा।

पास की सुविधा भी उपलब्ध

इसी साल 15 अगस्त को NHAI ने FASTag-आधारित वार्षिक पास लॉन्च किया, जो टोल भुगतान के लिए RFID कार्ड को बार-बार रिचार्ज किए बिना राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा की अनुमति देता है। हालांकि, यह प्रीपेड पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए लागू है।















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