GST: जीएसटी के नाम पर दुकानदारों से 21 लाख की वसूली! हर दुकान को भरने होंगे 15,000 रुपए

जालंधर में हर साल करोड़ों रुपए के पटाखे में आग लगती है। इन्हें बेचने वाले 20 लाइसेंसधारी है। इन्हीं लाइसेंसधारी दुकानदारों के पास सारा कमांड होता है। कहने को तो 20 लाइसेंस वाले को 20 दुकाने अलाट की जाती है, लेकिन यहां बड़ा गेम होता है। दुकानें करीब 150 लगती हैं, फिर शुरू होता है वसूली का खेल, पढ़ें

Daily Samvad
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GST News
Highlights
  • दीवाली सिर पर आने पर पटाखा मार्केट में हलचल तेज
  • पठानकोट चौक के पास बन रही है पटाखा मार्केट
  • दुकानदारों का कई दिनों से चला विवाद

डेली संवाद, जालंधर। GST on Firecrackers Jalandhar News Update: जालंधर में पटाखा विक्रेताओं का विवाद सुलझाने के दावे के बीच नई खबर सामने आ रही है। खबर है कि अब जीएसटी (GST) विभाग के नाम पर हर दुकान से फीस जमा करवाई जा रही है। हालांकि अभी तक सभी दुकानें बनकर तैयार नहीं हुई, लेकिन दुकान लगाने के इच्छुक लोगों से जीएसटी (GST) के नाम पर फीस मांगा जा रहा है।

जालंधर (Jalandhar) में पटाखा विक्रेताओं की पांच एसोसिएशन है। इसमें दो एसोसिएशन भाजपा से समर्थित हैं, जबकि दो एसोसिएशन कांग्रेस द्वारा समर्थित है। एक नई एसोसिएशन अभी बनी है। उधर, जिला प्रशासन ने 20 दुकानें अलाट की है। इनके पास ही लाइसेंस हैं। इस बार करीब 150 दुकानें लगाई जाएंगी।

क्या जीएसटी की रकम खजाने में जमा होगी?

सूत्र बता रहे हैं कि अब जीएसटी (GST) विभाग के नाम पर 21 लाख रुपए इकट्ठा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह रकम जीएसटी (GST) विभाग में जमा करवाई है। अब हैरान करने वाली बात तो यह है कि क्या सारा पैसा सरकारी खजाने में जमा होगा, या फिर कुछ पैसा जीएसटी (GST) के अफसरों अपनी जेब में डालेंगे। इसे लेकर छोटे दुकानदार कई तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।

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जानकारी के मुताबिक पठानकोट चौक के पास खाली ग्राउंड में पटाखा मार्केट लग रही है। इसके लिए डीसी ने 20 लाइसेंस जारी किया। इसे लेकर 20 ब्लाक बनाए जाएंगे, एक ब्लाक में करीब 8 से 10 लोग दुकानदारी कर सकते हैं। ये दुकान लाइसेंसधारी होलसेलर के अंडर में होगी। यानि 20 ब्लाक में करीब 150 दुकानें खोली जाएंगी।

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हर दुकान से 65,000 रुपए उगाही

सूत्र बताते हैं कि आज शाम को एक मीटिंग के बाद हर दुकानदार से 15,000 रुपए अतिरिक्त जीएसटी (GST) के जमा करवाने को कहा गया है। कुछ दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 50,000 रुपए हर दुकानदार पहले दे चुका है, अब 15,000 रुपए हर दुकान से फिर इकट्ठा किया जा रहा है। यानि हर दुकान से 65,000 रुपए उगाही की जा रही है।

इस तरह 150 दुकानों से करीब 95 लाख रुपए इकट्ठा किया जाएगा। इसमें 21 लाख रुपए जीएसटी (GST) का शामिल है। यही नहीं, इस बार जमीन का किराया भी अभी तय नहीं है। क्योंकि इस बार निजी जमीन पर पटाखा मार्केट बनाया जा रहा है। इसमें टीन शेड डालकर दुकानें बनाई जा रही हैं।

पांच एसोसिएशन बनी

इस बार पटाखा मार्केट में पांच एसोसिएशन हो गई हैं। होलसेल फायर वर्क्स एसोसिएशन के प्रधान संजीव बाहरी (सतपाल पन्ना लाल बाहरी), फायर वर्क्स एसोसिएशन जालंधर के प्रधान विकास भंडारी, महावीर बजरंगबली फायर वर्क्स एसोसिएशन के प्रधान रवि महाजन हैं। इसके अलावा हर्ष राणा और विकास तलवाड़ ने अपनी अलग एसोसिएशन बनाई है।

पटाखा मार्केट के प्रधान विकास भंडारी ने बताया कि जीएसटी अफसरों के साथ मीटिंग हो गई है। जितनी फीस बन रही है, उसे कल जमा करवाया जाएगा। हर लाइसेंसधारी जीएसटी के बगैर काम नहीं करता है। जितना माल आया है, उस पर जीएसटी फीस तय है, उसे जमा करवाया जाएगा।

बिना बिल के पटाखा बेचा तो खैर नहीं

उधर, जीएसटी विभाग के अफसरों ने कहा है कि इस तरह से कोई चालान नहीं किया जा रहा है। अफसरों के मुताबिक पटाखों की दुकानों पर विभाग की नजर है। बिना बिलिंग करने वाले दुकानदारों पर एक्शन लिया जाएगा। जो भी जीएसटी बनेगी, बिल के हिसाब से दुकानदारों को भरना होगा।















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