Punjab News: खनन नीति में किए संशोधनों के पूरे पंजाब में शानदार परिणाम आने शुरू- बरिंदर कुमार गोयल

Muskan Dogra
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Barinder Kumar Goyal

डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब (Punjab) के खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज कहा कि राज्य की खनन नीति में किए गए सुधारों के शानदार परिणाम सामने आने लगे हैं। इनसे कानूनी खनन गतिविधियों को मज़बूती मिली है, रेत और बजरी की आपूर्ति में सुधार हुआ है और पारदर्शिता के ज़रिए राज्य के राजस्व में वृद्धि हुई है।

अवैध खनन को रोकने में अहम भूमिका

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि “लैंडओनर माइनिंग साइट्स (एल.एम.एस.)” और “क्रशर माइनिंग साइट्स (सी.आर.एम.एस.)” की शुरुआत ने ज़मीन मालिकों और क्रशर संचालकों को सशक्त बनाकर खनन क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाया है। इसके साथ ही राज्य की अन्य राज्यों से कच्चे माल पर निर्भरता में कमी आई है। इस पहल ने और अधिक हितधारकों को कानूनी दायरे में शामिल कर अवैध खनन को रोकने में अहम भूमिका निभाई है।

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उन्होंने बताया कि संशोधित नीति लागू होने के बाद विभाग को सी.आर.एम.एस. के लिए 240 से अधिक आवेदन और एल.एम.एस. के लिए 95 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 23 सी.आर.एम.एस. और 4 एल.एम.एस . के लिए स्वीकृति पत्र पहले ही जारी किए जा चुके हैं और शेष आवेदनों को जिला सर्वेक्षण रिपोर्टों में शामिल करने की प्रक्रिया प्रगति अधीन है। पर्यावरणीय स्वीकृतियाँ पूरी होने के बाद इन साइटों के दिसंबर 2025 से मार्च 2026 के बीच कार्यशील होने की संभावना है।

रॉयल्टी आय में हुआ इज़ाफ़ा

गोयल ने कहा कि एल.एम.एस. और सी.आर एम.एस.के लागू होने से बाज़ार में कच्चे माल की उपलब्धता में वृद्धि हुई है, जिससे निर्माण और विकास परियोजनाओं के लिए निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। इस कदम से स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसरों में वृद्धि के साथ-साथ राज्य की रॉयल्टी आय में भी इज़ाफ़ा हुआ है। खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार ने 11.58 करोड़ घन फुट कच्चे माल वाली 29 व्यावसायिक खनन साइटों के लिए नई ऑनलाइन नीलामियाँ शुरू की हैं, जो पिछले तीन वर्षों में पहली नीलामी प्रक्रिया है।

 

इस प्रक्रिया को ऑनलाइन बोली प्रणाली के माध्यम से पूरी तरह पारदर्शी बनाते हुए मनमाने अलॉटमेंटों को समाप्त किया गया है और सभी वास्तविक प्रतिभागियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मूल्य-आधारित बोली, अग्रिम रॉयल्टी भुगतान और विस्तारित लीज़ अवधि की शुरुआत से नीलामी प्रक्रिया को आधुनिक बनाने के साथ साथ इसकी संचालन कुशलता में सुधार किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि अब बोलीदाता पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने के लिए स्वयं ज़िम्मेदार होंगे, जिससे परियोजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन और जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि कानूनी रूप से कच्चे माल की आपूर्ति को और बढ़ाने और खनन इको-सिस्टम को मज़बूत करने के लिए चरणबद्ध रूप से लगभग 100 अतिरिक्त स्थलों की नीलामी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन नीतिगत सुधारों का उद्देश्य पंजाब के खनन कार्यों को पारदर्शी, जवाबदेह और जन-हितैषी बनाना है।

CM Bhagwant Singh Mann
CM Bhagwant Singh Mann

गोयल ने दोहराया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार निष्पक्ष और टिकाऊ संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। कैबिनेट मंत्री ने स्पष्ट कहा कि हमारे प्रयास एक पारदर्शी प्रणाली बनाने पर केंद्रित हैं, जो कानूनी ढंग से खनन कार्यों को प्रोत्साहित करते हुए राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ राज्य के लोगों के हितों की रक्षा करें।

बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि पहले पंजाब में बजरी का खनन मुख्य रूप से विभाग द्वारा अलॉट की गई व्यावसायिक माइनिंग साइटों से मुख्य तौर पर ड्रा तक सीमित था। क्रशर मालिक इन सीमित व्यापारिक साइटों पर अत्यधिक निर्भर थे या अन्य राज्यों से कच्चा माल मंगवाते थे, जिससे इसकी कमी और लागत दोनों बढ़ जाती थीं। कई क्रशर मालिकों के पास पर्याप्त बजरी वाली ज़मीन होते हुए भी वे प्रतिबंधों की शर्तों के कारण उसका उपयोग नहीं कर पाते थे, क्योंकि अपनी ज़मीन से बजरी निकालने की उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग लंबित थी।















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