डेली संवाद, जालंधर। Police Memorial Day 2025: देश की एकता और अखंडता के लिए आतंकवादियों और अपराधियों से लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर पुलिसकर्मियों के सम्मान में मंगलवार को जालंधर स्थित पंजाब आर्म्ड पुलिस (पी.ए.पी.) मुख्यालय में 66वां राज्य स्तरीय पुलिस स्मृति दिवस श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया।
पंजाब (Punjab) के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव (Gaurav Yadav IPS) ने श्रद्धांजलि समारोह के दौरान शहीदों को नमन किया। उन्होंने पंजाब पुलिस को एक बेमिसाल फोर्स बताया, जिसने शांति और संकट दोनों समय में अद्वितीय समर्पण के साथ देश की सेवा की।
1,802 अधिकारियों का बलिदान
उन्होंने बताया कि सितंबर 1981 से अब तक पंजाब पुलिस ने ड्यूटी के दौरान 1,802 अधिकारियों का बलिदान दिया है, जिनमें इस साल के तीन पुलिसकर्मी भी शामिल है। पुलिस शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए डी.जी.पी. यादव ने कहा कि इन शहीदों की वजह से ही आज हम शांतिपूर्ण जीवन जी रहे है।

उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस की वीरता, साहस और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की प्रतिबद्धता की गौरवमयी विरासत है और सीमावर्ती राज्य में शांति व सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए पंजाब पुलिस काम करती रहेगी।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में डी.जी.पी. ने राज्य सरकार की निर्णायक मुहिम ‘ युद्ध नशे के विरुद्ध’ पर प्रकाश डालते हुए इसे एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस ने अब तक 1,300 किलोग्राम से अधिक हेरोइन जब्त की है।
16,000 से अधिक सूचनाओं का भी योगदान
इसी तरह इस मुहिम में सेफ पंजाब हेल्पलाइन के जरिए जनता से प्राप्त 16,000 से अधिक सूचनाओं का भी योगदान है। उन्होंने कहा कि इस जन समर्थित पहल के कारण बड़ी संख्या में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है और कई ड्रग नेटवर्क को खत्म किया गया है।
डी.जी.पी. ने यह भी बताया कि इस मुहिम के तहत पुलिस ने 64 हवाला कारोबारियों को गिरफ्तार कर और 14 करोड़ रुपये की गैर-कानूनी राशि जब्त कर नशीले पदार्थों के कारोबार से जुड़े वित्तीय चैनलों का पर्दाफाश किया है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थित आई.एस.आई. और अन्य कट्टरपंथी तत्व पंजाब की शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जबरन वसूली की कॉल्स के मुद्दे पर डी.जी.पी. यादव ने कहा कि जांच से पता चला है कि ऐसी 80 प्रतिशत से अधिक कॉल्स स्थानीय अपराधियों द्वारा गैंगस्टर बनकर की गई थी।
जबरन वसूली की प्रत्येक कॉल पर FIR
उन्होंने सभी पुलिस कमिश्नरों और एस.एस.पी. को निर्देश दिए कि जबरन वसूली की प्रत्येक कॉल पर एफ.आई.आर. दर्ज की जाए और इसकी गहन जांच की जाए। उन्होंने कहा, ‘हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता आम नागरिक हैं।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब पुलिस का उद्देश्य जनहितैषी और प्रभावी पुलिसिंग प्रदान करना है।
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समारोह के बाद डी.जी.पी. यादव ने पुलिस शहीदों के परिजनों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें पंजाब सरकार व पुलिस विभाग की ओर से निरंतर सहयोग का भरोसा दिलाया। पी.ए.पी. कैंपस के अंदर पुलिस शहीद स्मारक पर स्मारक परेड हुई, जहां कमांडेंट विवेक शील सोनी ने सभी पुलिस शहीदों के नाम पढ़े।

ये अफसर रहे मौजूद
शहीद नायकों के सम्मान में दो मिनट का मौन धारण और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा श्रद्धा के फूल अर्पित करने के साथ समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रमुख व्यक्तियों में स्पेशल डी.जी.पी. पी.एस.पी.सी.एल. जितेंद्र जैन, स्पेशल डी.जी.पी. लॉ एंड ऑर्डर अरपित शुक्ला, स्पेशल डी.जी.पी. रेलवे शशि प्रभा द्विवेदी मौजूद रहे।
ए.डी.जी.पी. प्रोविजनिंग नागेश्वर राव, स्पेशल डी.जी.पी. ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा ए.एस. राय, स्पेशल डी.जी.पी. साइबर क्राइम वी नीरजा, चीफ डायरेक्टर विजिलेंस ब्यूरो-कम-स्पेशल डी.जी.पी. इंटेलिजेंस प्रवीण सिन्हा, स्पेशल डी.जी.पी. ह्यूमन राइट्स नरेश अरोड़ा, ए.डी.जी.पी. एस.ए.पी. जालंधर एम.एफ. फारूकी, डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल और पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर के अलावा पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी और शहीदों के परिवार मौजूद थे।
पुलिस स्मृति दिवस का इतिहास
पुलिस स्मृति दिवस मनाने की परंपरा 21 अक्तूबर, 1959 से शुरू हुई, जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेनाओं ने एस.आई. कर्म सिंह की अगुवाई में सी.आर.पी.एफ. की गश्ती टुकड़ी पर हमला कर दिया था, जिसमें दस वीर जवान शहीद हो गए थे।
16,000 फीट की ऊंचाई पर कड़ाके की ठंड में उनका बलिदान असाधारण वीरता का प्रतीक बना हुआ है। तब से, 21 अक्तूबर को देश की सभी पुलिस इकाइयों में उन पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस स्मृति दिवस हर साल मनाया जाता है, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी।






