डेली संवाद, अमृतसर। Punjab: अगर आप भी बस से सफर करते है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (PRTC) और पनबस के कर्मचारियों ने 23 अक्टूबर को पूरे पंजाब में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। वहीं, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और संगरूर में प्रदर्शन करने की घोषणा की गई है।
चक्का जाम 12 से 2 बजे तक
ये चक्का जाम दोपहर 12 से 2 बजे तक रहेगा। कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने निजीकरण रोकने का वादा किया था, लेकिन अब कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी परिवहन व्यवस्था को निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है।
पीआरटीसी और पनबस यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने सत्ता में आने से पहले निजीकरण खत्म करने का वादा किया था, मगर अब खुद उसी दिशा में कदम बढ़ा रही है।
उनका कहना है कि आज सरकार पीआरटीसी और पनबस के निजीकरण के लिए टेंडर खोलने जा रही है। अगर यह टेंडर खुल गया तो निजी बस मालिक पांच साल में अपनी बस की कीमत वसूल कर लेंगे और अपनी बस भी अपने पास रखेंगे। इससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान होगा।
तरनतारन उप-चुनावों में सरकार के खिलाफ जाने की तैयारी
गिल ने साफ कहा कि अगर सरकार ने टेंडर खोला तो कर्मचारी राज्य स्तरीय हड़ताल पर जाएंगे और आने वाले तरनतारन (Tarn Taran) उपचुनाव में सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे।
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कर्मचारियों का कहना है कि इस सरकार को लाने में हम कर्मचारियों का बड़ा योगदान रहा है, अब अगर यह अन्याय करेंगे तो हम इसे सत्ता से बाहर करने की ताकत भी रखते हैं।
वेतन में हो रही देरी से भी नाराज
कर्मचारियों ने वेतन में लगातार हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई है। अध्यक्ष रेशम सिंह गिल का कहना है कि दिवाली जैसे त्योहारों पर भी बस अड्डा बंद करके सैलरी लेने की नौबत आ रही है। सामान्य तौर पर हर महीने की 1 तारीख को मिलने वाली तनख्वाह अब 20 से 25 तारीख के बीच दी जा रही है।
इससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने निजीकरण का फैसला तुरंत वापस नहीं लिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।








