डेली संवाद, नई दिल्ली। 8th Pay Commission: केंद्री की मोदी सरकार (Modi Government) ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) ने मंगलवार को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से केंद्र सरकार के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 69 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को फायदा होगा।
आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) अपने गठन से 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट में हुए फैसलों की ब्रीफिंग देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 8वें वेतन आयोग के 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।

वेतन आयोग का गठन
अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों और जॉइंट कंसल्टीव मशीनरी के कर्मचारी पक्ष के साथ परामर्श के बाद संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप दिया गया है। इससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारी को बड़ा फायदा मिलेगी।
केंद्र सरकार ने जुलाई में संसद को बताया था कि 8वें वेतन आयोग के गठन पर रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्यों सहित प्रमुख हितधारकों से सुझाव मांगे थे। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने तब कहा था कि वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार जाने के बाद इसे लागू किया जाएगा।

2014 में 7वें वेतन आयोग का गठन
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन किया जाता है। फरवरी 2014 में 7वें वेतन आयोग का गठन हुआ था और 1 जनवरी 2016 से उसकी सिफारिशें लागू की गई थीं।
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न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को 8वें वेतन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि आईआईएम बैंगलोर के प्रोफ़ेसर पुलक घोष और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन को सदस्य नियुक्त किया गया है।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
वैसे तो 8वें वेतन आयोग के आने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी, इसका कोई आधिकारिक डेटा तो नहीं आया है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि सैलरी में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। अगर लोअर डिवीजन क्लर्क को उदाहरण के रूप में लें, तो इनका ग्रेड पे 1900 रुपये होता है और 7वें वेतन आयोग के तहत उनकी बेसिक सैलरी 18,000 रुपये होगी।
इसमें एचआरए, डीए और यात्रा भत्ता मिलाकर यह लगभग 37,120 से 39,370 तक पहुंच सकती है। वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर और मिनिमम बेसिक सैलरी को ध्यान में रखकर अपनी सिफारिशें देता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना था। 8वें वेतन आयोग में इसके 3 से 3.42 गुना होने की उम्मीद जताई जा रही है। अगर 3 गुना को भी आधार बनाया जाएगा, तो लोअर डिवीजन क्लर्क की सैलरी 59,700 रुपये तक हो सकती है।







