Jalandhar News: जालंधर नगर निगम के इंजीनियर ने दिया इस्तीफा! जाने पूरा मामला

ठेकेदार तो कमीशन खाते थे, लेकिन कुछ इंजीनियर सबकुछ हजम करने में जुटे हुए हैं। हालत यह है कि नगर निगम के असली ठेकेदार काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि कुछ इंजीनियर ही ठेकेदार बन गए हैं। इसका खुलासा डेली संवाद ने किया है।

Daily Samvad
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Jalandhar Municipal Corporation News
Highlights
  • जालंधर नगर निगम में करप्शन कर रहे हैं इंजीनियर
  • डेली संवाद ने करप्ट इंजीनियरों का किया था पर्दाफाश
  • कागजों में काम कर के लाखों डकार रहे हैं इंजीनियर

डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर नगर निगम (Municipal Corporation Jalandhar) में करप्शन का खेल उजागर होने के बाद इंजीनियरों में हड़कंप मच गया है। केस में फंसते देखकर एक इंजीनियर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। फिलहाल अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। चूंकि मेयर वनीत धीर विदेश में है, तो इस्तीफा शायद अभी मंजूर न हो। लेकिन करोड़ों के इस खेल में खुद को फंसते देखकर इंजीनियर इस्तीफा देकर अपने ससुर के पास विदेश भागने की फिराक में है।

जांलधर (Jalandhar) नगर निगम (Municipal Corporation) में ठेकेदार तो कमीशन खाते थे, लेकिन कुछ इंजीनियर सबकुछ हजम करने में जुटे हुए हैं। हालत यह है कि नगर निगम के असली ठेकेदार काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि कुछ इंजीनियर ही ठेकेदार बन गए हैं। इसका खुलासा डेली संवाद ने किया है। जालंधर वेस्ट हलके में एक इंजीनियर खुद को एक मंत्री और पार्षद का रिश्तेदार बताकर करोड़ों रुपए का ठेका लेता है और घटिया काम करके सरकारी धन को चूना लगा रहा है।

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इंजीनियर ने लाखों डकारे

जालंधर वेस्ट (Jalandhar West) हलके के कई वार्डों में उक्त इंजीनियर ने अपने ससुर के नाम वाली फर्म से ठेका हासिल कर लाखों रुपए डकार गया। हैरानी तो इस बात की है कि 39 फीसदी से कम रेट पर काम करने वाले इस इंजीनियर कम ठेकेदार के काम की गुणवत्ता की कभी कोई जांच ही नहीं की गई। यह इंजीनियर इतना शातिर है कि उसी वार्ड में ठेका लेता है, जहां इसकी ड्यूटी होती है। एस्टीमेट बनाने से लेकर काम करने और फिर बिल पास करवाने का काम खुद करता था। जबकि इसका ससुर विदेश में बैठा है।

यह भी पढ़ें: जालंधर नगर निगम में करप्शन, विदेश बैठे ससुर के नाम पर इंजीनियर बन गया ‘ठेकेदार’

अभी पिछले महीने एफएंडसीसी की बैठक में इंजीनियर की कंपनी ग्लोबल कंस्ट्रक्शन को कई वार्डों में काम करवाने का ठेका दिया गया। इसमें माडल हाउस रोड से श्री गुरु रविदास चौक तक 9.96 लाख रुपए के काम में 39.99 फीसदी रुपए की छूट देते हुए उसे महज 6.08 लाख में कर डाला। इसी तरह अवतार नगर में 9.23 लाख के काम में 39 फीसदी छूट देकर 5.63 लाख कर डाला। बस्ती शेख जोन में पेंट का काम किया। लेकिन इन कामों की चेकिंग आज तक नहीं हुई।

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ग्लोबल कंस्ट्रक्शन कंपनी का काम

इसी तरह वार्ड-40 में सड़क रिपेयर, सीवरेज और अन्य काम 9.94 लाख रुपए का ठेका हासिल किया। इसी वार्ड में 9.08 लाख का एक और ठेका हासिल किया। वार्ड-46 में दो कामों का करीब 19 लाख रुपए का ठेका लेकर मालामाल हुआ। यह ठेका इस इंजीनियर ने अभी हाल में हासिल किया। जबकि कई साल से उक्त इंजीनियर ठेकेदारी कर रहा है। इसमें तीन बड़े अफसरों की संलिप्तता भी सामने आ रही है। फिलहाल इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।

ट्रैक्टर ट्राली का महाघोटाला

जालंधर नगर निगम में ट्रैक्टर ट्राली का महाघोटाला चल रहा है। पिछले महीने मेयर वनीत धीर ने अनियमितताएं पकड़ी थीं। तब कमिश्नर रहे गौतम जैन ने कुछ अफसरों पर कार्ऱवाई की थी। मेयर इस नैक्सस को तोड़ने में जुटे हैं, लेकिन घोटालेबाज अफसर और मुलाजिम बड़े शातिर हैं। फिलहाल मेयर वनीत धीर और सीनियर डिप्टी मेयर बलबीर सिंह बिट्टू घोटालेबाजों को नैक्सस तोड़कर उन पर कार्ऱवाई करने के लिए जुटे हुए हैं।

पक्के इंजीनियर दरकिनार

जानकारी यह है कि सरकार ने 6 पक्के इंजीनियर नगर निगम जालंधर में भेजा था। लेकिन घोटालेबाज इंजीनियरों को ये इंजीनियर पसंद नहीं आए और उन्हें ओएंडएम ब्रांच में भेज दिया। जबकि इसमें कुछ इंजीनियर की ड्यूटी बीएंडआर ब्रांच में लगानी थी। क्योंकि बीएंडआर ब्रांच में घोटालेबाज इंजीनियर पहले तैनात हैं, जिससे नए इंजीनियरों को बीएंडआर ब्रांच में लगाया ही नहीं गया। ये घोटाले इंजीनियर बीएंडआर ब्रांच के अलावा ट्रैक्टर ट्राली के ठेके में भी करप्शन कर रहे हैं, वहां भी इनका ठेका चल रहा है।

यह है मामला

नगर निगम के कई इंजीनियर सीधे तौर पर ठेकेदारी कर रहे हैं। कोई अपने ससुर के नाम पर कंपनी बना कर ठेकेदार कर रही है, तो कोई अपने पिता के नाम पर। कुछ इंजीनियर अपने भाई और भाभी व रिश्तेदार के नाम पर ठेकदारी का लाइसेंस लेकर लाखों रुपए वारे न्यारे कर रहे हैं। इसमें बीएंडआर ब्रांच के तीन बड़े इंजीनियर शामिल हैं। जो इनके मास्टरमाइंड हैं। करोड़ों रुपए का काम कागजों में होता है, उसे ये सभी इंजीनियर मिलकर हड़प जाते हैं।

डेली संवाद के पास एक इंजीनियर का कच्चा चिट्ठा आया। इसमें शेर सिंह नामक एक व्यक्ति के नाम पर लाइसेंस हासिल किया गया और उसका इंजीनियर दामाद ठेकेदार कर रहा है। शेर सिंह खुद विदेश में है, लेकिन उसके नाम पर लाखों रुपए उसका दामाद हड़प रहा है। कागजों में ये इंजीनियर सड़क बनाता है, रिपेयर करता है और फिर मिलीभगत से लाखों रुपया अंदर कर लेता है। इसे सीनियर डिप्टी मेयर बलबीर सिंह बिट्टू ने पकड़ा था। इस इंजीनियर ने अपने घर के पते पर ससुर की कंपनी का जीएसटी सर्टिफिकेट हासिल किया।

इस संबंध में सीनियर डिप्टी मेयर बलबीर सिंह बिट्टू ने कहा है कि मुझे पता चला है कि इंजीनियर ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक जानकारी उनके पास नहीं है। जबकि बीएंडआर ब्रांच के एसई रजनीश डोगरा ने कहा है कि आज वे बिजी थे, जिससे डाक नहीं देख सकें, कल इस्तीफे के बारे में बता सकते हैं। चर्चा यह है कि इंजीनियर ने बैक डेट में इस्तीफा दिया है।

ग्लोबल कंस्ट्रक्शन का काम















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