डेली संवाद, मुरादाबाद। GST Bogus Billing Scam News Update: देशभर में जीएसटी की चोरी और टैक्स स्कैम रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब समेत देश के कई राज्यों में इसके कई बड़े गिरोह काम कर रहे हैं। फर्जी फर्मों के सहारे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का खेल चल रहा है। जीएसटी की टीम ने 122 फर्मों में 50 फर्जी फर्मों की जांच पूरी करते हुए बड़ा खुलासा किया है। फर्जी फर्मों का 115 करोड़ का टर्नओवर सामने आया है। जिसमें करीब 20 करोड़ की जीएसटी चोरी सामने पकड़ी गई है।
जानकारी के मुताबिक पंजाब (Punjab), नोएडा (Noida) और दिल्ली (Delhi) समेत कई हिस्सों में जीएसटी (GST) चोरी को लेकर एक गिरोह काम कर रहा है। यूपी (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद (Muradabad) में जीएसटी (GST) टीम ने छापा मारकर बड़े खुलासे किए हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, दो से तीन दिन में सभी फर्मों का चिट्ठा जांच में सामने आ जाएगा। जीएसटी में बड़े स्तर पर चोरी का मामला सामने आने से हलचल मची हुई हुई।

दो ट्रक लोहे का स्क्रैप पकड़ा
जीएसटी विभाग (GST Department) की ओर से इस मामले में मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दी है। पुलिस के अनुसार, जीएसटी चोरी के मामले में निर्देश मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। मुरादाबाद में 24 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर ले जाते समय दो ट्रक लोहे का स्क्रैप जीएसटी विभाग ने उमरी चौराहे पर पकड़ा था।
जीएसटी जांच में पता कि चला लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी प्रवीण श्रीवास्तव के फर्जी किराएनामे व बिजली के बिल के आधार पर अंकित कुमार नामक शख्स ने एके इंटरप्राइजेज नाम से फर्म दिखाई। फर्म में दर्ज नंबरों की जांच में मंगलवार को एक मोबाइल नंबर से 60 और अगले दिन दूसरे मोबाइल नंबर से 62 फर्म मिलीं। इस तरह एक ही शख्स के पंजीकरण में दर्ज दो नंबरों से देश भर में 122 फर्जी फर्म सामने आ चुकी हैं।

50 फर्मों में 115 करोड़ का टर्नओवर
विशेष अनुसंधान शाखा ने गुरुवार को 50 फर्मों का रिकार्ड खंगाला। 50 फर्मों में 115 करोड़ का टर्नओवर देखकर जीएसटी के अधिकारी भी हैरान हैं कि इतने बड़े स्तर पर सरकार को चूना लगाया गया है। इसमें करीब 20 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की बात सामने आई है। अभी 72 फर्मों का डाटा निकलना बाकी है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह आंकड़ा 200 करोड़ के पार जा सकता है।
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इस केस में भी आईटीसी के नाम पर खेल दिख रहा। इनपुट टैक्स क्रेडिट में फर्जी फर्मों के माध्यम से धोखाधड़ी की गई है। इसमें सामान या सेवाओं की वास्तविक आपूर्ति के बिना ही सिर्फ कागजों पर लेनदेन दिखाया जाता है यानी माल किसी से लिया नहीं। लेकिन, कागजों में लेन-देन करके आइटीसी खड़ी कर दी।
20 करोड़ की जीएसटी चोरी
इसमें एक तरह से तो अधिक माल दिखाकर आईटीसी को समायोजित कर दिया जाता है। दूसरे पर आईटीसी क्लेम करके विभाग से खाते में ट्रांसफर करा दी जाती है। अपर आयुक्त ग्रेड टू विशेष अनुसंधान शाखा आरए सेठ के अनुसार, इस धोखाधड़ी का उद्देश्य फर्जीवाड़ा कर सरकार से आईटीसी का दावा करना और कर चोरी करना है।







