डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab: भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अपने अभियान के तहत, पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने आज जिला होशियारपुर के वन विभाग माहिलपुर में तैनात एक वन कर्मी (फॉरेस्टर) सुरिंदरजीत पाल को गिरफ्तार किया है। उक्त मुलाजिम को तहसील गढ़शंकर के गांव थिंदा के निवासी (शिकायतकर्ता) से 15,000 रुपए की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
सालों से लकड़ी की कटाई का काम करता
विजीलेंस ब्यूरो (Punjab Vigilance Bureau) के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता पिछले 10-12 सालों से लकड़ी की कटाई का काम करता है। 11.10.2025 को शिकायतकर्ता और उसका साथी गुरविंदर सिंह उर्फ गोनी दिन का काम पूरा करने के बाद अपनी कार में सवार होकर गांव थिंदान लौटे।
शिकायतकर्ता ने गाड़ी अपने चाचा के प्लॉट में खड़ी कर दी, जबकि गुरविंदर सिंह कार में ही बैठा रहा और शिकायतकर्ता खाना लेने के लिए घर चला गया। लगभग एक घंटे बाद जब वह लौटा तो गुरविंदर सिंह वहां नहीं था और उसकी गाड़ी से कई लकड़ी काटने वाले औज़ार गायब थे।

कर्मचारियों के साथ सरकारी गाड़ी में आए
उन्होंने आगे बताया कि गांव के सरपंच हरप्रीत सिंह ने शिकायतकर्ता को बताया कि वन विभाग माहिलपुर के रेंज अधिकारी अमरजीत सिंह 3-4 कर्मचारियों के साथ सरकारी गाड़ी में आए थे और वे उसके लकड़ी काटने के औज़ार लेकर गए हैं तथा उसे वन विभाग कार्यालय माहिलपुर में रिपोर्ट करने के लिए कहा है।
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इसके बाद शिकायतकर्ता सरपंच के साथ वन विभाग कार्यालय माहिलपुर गया और अमरजीत सिंह रेंज अधिकारी से मिला, जहां उक्त अधिकारी ने कहा कि उसकी गाड़ी से पेड़ काटने वाले औज़ार मिले हैं और उस पर नहरी क्षेत्र में सरकारी पेड़ चोरी करने का आरोप लगाया। उक्त अधिकारी ने शिकायतकर्ता से कहा कि इस सरकारी वृक्षों की चोरी के लिए उस पर 1,23,000 रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
31,000 रूपये की रिश्वत मांगी
प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता ने आरोपों से इंकार किया और कहा कि वह कानूनी रूप से खरीदी गई लकड़ी ही काटता है। इसके बावजूद रेंज अधिकारी अमरजीत सिंह ने जब्त किए गए वृक्ष काटने वाले औज़ार वापस करने के लिए 31,000 रूपये की रिश्वत मांगी। शिकायतकर्ता ने पूरी रकम देने में असमर्थता जताई और 2,000 रूपये देने की पेशकश की, जिस पर अमरजीत सिंह ने कहा कि यह रकम फॉरेस्टर सुरिंदरजीत पाल को दे दो।

शिकायतकर्ता ने सरपंच की मौजूदगी में सुरिंदरजीत पाल को 2,000 रूपये दिए और बाकी रिश्वत 17.10.2025 को देने की तारीख तय की गई। इसके बाद शिकायतकर्ता दोबारा वन विभाग कार्यालय माहिलपुर गया, जहां अमरजीत सिंह और सुरिंदरजीत पाल ने 10,000 रूपये की एक और किस्त की मांग की, जो शिकायतकर्ता ने फॉरेस्टर सुरिंदरजीत पाल को दे दी। शेष रिश्वत 29.10.2025 को देने पर सहमति बनी।
फोन पर मांगी रिश्वत
विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता उस दिन पैसे की व्यवस्था नहीं कर सका और कार्यालय नहीं पहुंचा। बाद में फॉरेस्टर सुरिंदरजीत पाल ने उसे फोन कर शेष रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता ने कहा कि वह केवल 15,000 रूपये का इंतज़ाम कर सकता है, जिस पर सुरिंदरजीत पाल राज़ी हो गया और उसे बुलाया।

शिकायतकर्ता ने इस बातचीत को सबूत के तौर पर रिकॉर्ड कर लिया। शिकायतकर्ता की दी गई जानकारी पर कार्रवाई करते हुए विजीलेंस ब्यूरो ने अमरजीत सिंह (रेंज अधिकारी) और सुरिंदरजीत पाल (फॉरेस्टर), वन विभाग माहिलपुर के खिलाफ मामला दर्ज किया।
सुरिंदरजीत पाल को रंगे हाथों पकाड़
आरोपों की पुष्टि के बाद जालंधर रेंज की विजीलेंस टीम ने दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 15,000 रूपये की रिश्वत लेते हुए सुरिंदरजीत पाल को रंगे हाथों पकड़ लिया।

आरोपी के खिलाफ विजीलेंस ब्यूरो थाना, जालंधर रेंज में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि आरोपी को कल अदालत में पेश किया जाएगा और आगे की जांच जारी है।






