GST Scam: जालंधर में ट्रैवल एजैंट और इमीग्रेशन कंपनियां कर रहीं है GST चोरी, बड़ी कार्रवाई की तैयारी

जालंधर प्रशासन की वेबसाइट पर 1,602 इमिग्रेशन और ट्रैवल एजेंसियां ​​सूचीबद्ध थीं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न उल्लंघनों के कारण 254 लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। पंजीकृत और संचालित फर्मों की संख्या अब 1,348 रह गई थीं

Daily Samvad
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GST Scam
Highlights
  • जालंधर में ट्रैवल एजैंट लगा रहे जीएसटी की चपत
  • हर महीने करोड़ों का कारोबार, फिर भी GST नहीं भरते
  • जीएसटी विभाग ने डीसी को लिखा पत्र

डेली संवाद, जालंधर। GST Scam in Jalandhar Travel Agent and Immigration Company: जालंधर में हर महीने करोड़ों रुपए का कारोबार करने वाले ट्रैवल एजैंट और इमीग्रेशन मालिकों द्वारा जीएसटी चोरी की जा रही है। इसे लेकर अब जीएसटी विभाग सख्त हुआ है। जीएसटी विभाग ने डीसी आफिस से रजिस्टर्ड ट्रैवल एजैंटों और इमीग्रेशन मालिकों का पूरा ब्योरा मांगा है।

जानकारी के मुताबिक जालंधर में जीएसटी डिपार्टमेंट ने डीसी डा. हिमांशु अग्रवाल को पत्र लिखकर जिले में रजिस्टर्ड ट्रैवल एजैंटों और इमीग्रेशन मालिकों की पूरी जानकारी मांगी है। जिससे जीएसटी ने भरने वाले एजैंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

DC Himanshu Aggarwal
DC Himanshu Aggarwal

रजिस्टर्ड फर्मों का ब्योरा मांगा

जालंधर (Jalandhar) के आरटीआई एक्टिविस्ट करणप्रीत सिंह ने जीएसटी डिपार्टमेंट में सूचना अधिकार एक्ट के तहत जीएसटी भरने वाले ट्रैवल एजैंटों और इमीग्रेशन मालिकों की जानकारी मांगी थी। लेकिन इस जानकारी की बजाए जीएसटी विभाग ने डीसी आफिस को पत्र लिखकर रजिस्टर्ड फर्मों का ब्योरा मांगा है।

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इससे पहले जालंधर ज़िले में संचालित इमिग्रेशन फर्मों के जीएसटी नंबरों के बारे में जीएसटी विभाग से जानकारी मांगी गई थी। तब आरटीआई के आंकड़ों से पता चला कि 1,348 पंजीकृत इमिग्रेशन और ट्रैवल एजेंसियों में से 584 बिना जीएसटी नंबर के काम कर रही थीं।

GST Tax Slab Rates
GST Tax Slab Rates

बिना जीएसटी के करोड़ों का कारोबार

उस वक्त जालंधर प्रशासन की वेबसाइट पर 1,602 इमिग्रेशन और ट्रैवल एजेंसियां ​​सूचीबद्ध थीं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न उल्लंघनों के कारण 254 लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। पंजीकृत और संचालित फर्मों की संख्या अब 1,348 रह गई थीं।

पढ़ें जीएसटी विभाग का पत्र

इसके बाद जालंधर के आबकारी एवं कराधान अधिकारी द्वारा कई कंपनियों को नोटिस जारी किए गए थे। जीएसटी नंबर न रखने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्ऱवाई करने के आदेश दिए गए थे। अब इसका पूरा ब्योरा डीसी आफिस से मांगा गया है।















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