डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के गतिशील नेतृत्व में जनकल्याण और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के प्रति पंजाब सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज लहरागागा में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित 280 निवासियों को 1.02 करोड़ रुपये के मुआवज़ा स्वीकृति पत्र वितरित किए।
नागरिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी
सभा को संबोधित करते हुए मंत्री गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य के उन नागरिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है, जो बाढ़ या भारी वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुए हैं।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले, वन एवं वन्यजीव संरक्षण मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने आज जिला पठानकोट के नरोट जैमल सिंह में विभिन्न गाँवों के बाढ़ प्रभावित लोगों को 45 लाख रुपये की मुआवज़ा राशि वितरित की और यह दोहराया कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
बाढ़ प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान
राहत वितरण प्रक्रिया के तीसरे चरण के लगातार तीसरे दिन, पंजाब सरकार ने मिशन चढ़दी कला के तहत अपनी व्यापक पहल जारी रखते हुए राज्यभर के बाढ़ प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की। सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी दी कि जिला फिरोज़पुर में विधायक रणबीर सिंह भुल्लर ने गांव बंडाला में 732 बाढ़ प्रभावित परिवारों को 4.85 करोड़ रुपये के मुआवज़ा स्वीकृति पत्र वितरित किए।

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‘आप’ हलका इंचार्ज एडवोकेट हरसिमरन सिंह घुंमण ने भुल्लथ (कपूरथला) क्षेत्र के प्रभावित परिवारों को 7.20 लाख रुपये के मुआवज़ा स्वीकृति पत्र सौंपे। उल्लेखनीय है कि पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने बाढ़ प्रभावित परिवारों को सबसे अधिक मुआवज़ा प्रदान किया है। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक प्रभावित परिवार तक राहत पारदर्शी ढंग से पहुँचे।
किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवज़ा दिया
जानकारी के अनुसार, क्षतिग्रस्त घरों के लिए वित्तीय सहायता को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रति घर कर दिया गया है, जबकि फसल नुकसान के लिए प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवज़ा दिया जा रहा है — जो देश में अब तक दिया गया सबसे अधिक फसली मुआवज़ा है।
इसके अलावा, प्रभावित परिवारों की आजीविका बहाली के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रति दुग्धारू पशु 37,500 रुपये, प्रति गैर-दुग्धारू पशु 32,000 रुपये, प्रति बछड़ा 20,000 रुपये तथा प्रति पोल्ट्री पक्षी 100 रुपये का मुआवज़ा प्रदान किया जा रहा है।







