डेली संवाद, आगरा। Agra News: Fake MLA and OSD arrested in Agra News Update- फर्जी विधायक और उसके ओएसडी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों को एक होटल से गिरफ्तार किया। फर्जीवाड़ा का खुलासा उस वक्त हुआ, जब वह कई दिन से होटल में रुकने के बाद किराया नहीं दे रहा था।
जानकारी के मुताबिक आगरा (Agra) के एक व्यक्ति ने खुद को विधायक बता रहा था। इस व्यक्ति दिल्ली में पार्षद का चुनाव भी लड़ा था। पार्षद चुनाव लड़ने के दौरान आगरा के युवक में नेताओं वाला स्टाइल आ गया। गाड़ी पर सत्ताधारी पार्टी के रंग में राज्यसभा सांसद लिखवा लिया।
18 दिन से कमरा लेकर रहते थे
लोगों से खुद को विधायक और भाई को अपना ओएसडी बनाकर लोगाें से मिलवाते और डरा धमका कर वसूली करना शुरू कर दिया। 18 दिनों से आरोपित भाई सदर क्षेत्र में होटल में कमरा लेकर रह रहे थे। इसके बाद किराया देने के समय झगड़ा करते और विधायक का रौब झाड़ते।

किराया देना तो दूर रसूख झाड़ कर आसपास के रेस्टोरेंट से अपने और परिचितों के लिए खाने का सामान मंगाना शुरू कर दिया। रुपये मांगने पर धमकाने लगे। बातचीत का तरीका ऐसा कि जब शिकायत पर पुलिस जांच को पहुंची तो पीड़ित होटल संचालक को ही सम्मान करने और पूरे महीने रुकने देने का आदेश देकर लौट गई।
होटल मालिक ने की शिकायत
सदर के सौदागर लेन में पवन कुमार का होटल पवन है। पीड़ित ने बताया कि 19 अक्टूबर को उनके होटल में स्कॉर्पियो कार से दो युवक आए। एक शादी का कुर्ता पायजामा और दूसरा पैंट व शर्ट पहने था। पैंट−शर्ट वाले ने दूसरे को विधायक विनोद खटीक और खुद को उनका ओएसडी मनोज खटीक बताया।
एक राज्य सभा सांसद को रिश्तेदार भी बताया। उन्होंने कमरा किराए पर दे दिया। आरोपितों ने एडवांस नहीं दिया और किराया मांगने पर भी नहीं दिया। तकादा करने पर राजननीतिक रसूख से फंसाकर होटल बंद कराने की धमकी देने लगते।
रिश्तेदारों को भी बुला लिया
दिन भर उनके परिचित होटल में आकर बैठे रहते और उन्होंने आसपास के होटलों और रेस्टोरेंट्स से खाना मंगाकर खाना शुरू कर दिया। कोई खाने के रुपये मांगता तो धमकाने लगते। चार दिन पहले आजिज आकर उन्होंने सौदागर लेन चौकी पर पुलिस से शिकायत कर कमरा खाली कराने और किराया दिलाने की मांग कर तहरीर दी।
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पुलिस बात करने पहुंची तो आरोपित ने उन्हें भी डरा दिया। पुलिसकर्मी उल्टा उन्हें किराया मिल जाने का आश्वासन देकर एक दिसंबर तक विधायक के रहने की बोलकर चले गए। एसीपी इमरान अहमद ने बताया कि आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है कि कहीं उनके द्वारा अन्य किसी के साथ भी ठगी तो नहीं की गई है।
मुलाजिमों को हड़काया
आरोपित विनोद गाड़ी लेकर एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम पहुंच गया। वहां एक प्रतियोगिता के दौरान कर्मचारियों को हड़काया। डरकर कर्मचारियों ने वीआईपी ट्रीटमेंट दिया। आराेपित ने अधिकारियों पर रौब झाड़ा और वर्ड कप जीत कर आगरा पहुंची दीप्ती शर्मा के स्वागत जुलूस में ले जाकर विशेष मुलाकात करवाने को कहा। अपने और बेटे के क्रिकेट खेलने आने के लिए इंतजाम करने को कहा।
इसी दौरान किसी ने खुद को मीडियाकर्मी बताकर मोबाइल पर उनका बयान रिकॉर्ड कर लिया। आराेपित ने खुद को विधायक आगरा बताकर बयान दिया था। वीडियो प्रसारित होने के बाद चर्चा का विषय बन गया। मामला अधिकारियों तक पहुंचा।

एसीपी ने लिया एक्शन
एडीसीपी सिटी आदित्य कुमार ने वीडियो को संज्ञान में लेकर एसीपी सदर इमरान अहमद को जाकर जांच करने को कहा। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो आरोपित द्वारा उसके खुद को विधायक बताने और कार पर सांसद लिखा होने से पुलिस को शक हुआ। एसीपी सदर इमरान अहमद ने बताया कि आरोपितों को हिरासत में लिया गया।
पुलिस के आने पर विनोद खटीक ने उन्हें भी रौब दिखाकर डराने का प्रयास किया। गिरफ्तार होने पर पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह लोग पहले मधुनगर में रहते थे। इसके बाद कुछ वर्ष पहले दिल्ली चले गए। विनोद ने वहां पार्षद का चुनाव लड़ा और हार गया। इस दौरान उसने नेताओं जैसा हाव भाव दिखाना सीख लिया। उसका भाई मनोज भी उसके साथ ठगी में शामिल हो गया। वह लोगों से खुद को विधायक का ओएसडी बनकर बात करता और भाई को विधायक बताकर मिलवाता।
ठगी करते और फिर निकल जाते थे
काम कराने का लालच देकर ठगी करते और फिर निकल जाते थे। वह दिल्ली और आसपास के जिलों में खुद को आगरा का विधायक बताते थे। आगरा और आसपास के जिलों में राज्यसभा सांसद बन जाते थे। पूछताछ में आरोपितों ने मधुनगर में मकान में निर्माण कार्य होने के कारण होटल में रहने की बात बताई है। होटल संचालक की तहरीर पर पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
आरोपित भाइयों के मामले के सामने आने के बाद पुलिस सतर्क हो गई है। एसीपी इमरान अहमद ने बताया कि यातायात माह में रसूखदार पदनाम लिखकर वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने दिए हैं। थाना औरयातायात पुलिस मिलकर अभियान चलाएगी, ताकि ऐसे अपराधी आम लोगाें को डरा कर शिकार नहीं बना पाएं।







