डेली संवाद, नई दिल्ली/जोहांसबर्ग। PM Narendra Modi G20 Leaders’ Summit in Johannesburg: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहांसबर्ग में हो रहे जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के मंच से एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ भारत की सशक्त और स्पष्ट आवाज को दुनिया के सामने रखा। इस बार उन्होंने ड्रग तस्करी और आतंकवाद के बीच बढ़ते खतरनाक नेक्सस को निशान बनाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने “जी-20 इनिसिएटिव ऑन काउंटरिंग द ड्रग-टेरर नेक्सस” नाम से एक नया वैश्विक अभियान शुरू करने का प्रस्ताव रखा। पीएम मोदी ने इसके अलावा भी दो अन्य प्रस्ताव दुनिया के शीर्ष 20 आर्थिक शक्तियों के समक्ष रखा। इसमें एक प्रस्ताव अगले कुछ वर्षों में 10 लाख अफ्रीकी युवाओं को तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित करने का भी है। जबकि एक प्रस्ताव दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध पारंपरिक ज्ञान को संजो कर रखने से संबंधित है।
ड्रग्स आज तेजी से फैल रहे हैं
PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि “मादक द्रव्यों की तस्करी एक बहुत ही बड़ा मुद्दा है। फेंटेनिल जैसे अत्यंत घातक ड्रग्स आज तेजी से फैल रहे हैं। ये सिर्फ सार्वजनिक स्वास्थ्य की नहीं, बल्कि सामाजिक स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती बन गए हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि ड्रग्स की काली कमाई अब आतंकवाद को फाइनांस करने का सबसे बड़ा जरिया बन चुकी है।”

उन्होंने संकेत दिया कि इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए अब अलग-अलग देशों के अलग-अलग प्रयास काफी नहीं हैं। इसके लिए वैश्विक प्रयास होने चाहिए और इससे जुड़े फाइनेंस, गवर्नेंस और सिक्योरिटी से जुड़े सभी उपकरणों को एक साथ लाना होगा। मोदी का प्रस्ताव है कि G20 इस नेक्सस को कमजोर करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाए और ठोस कार्रवाई करे।
मादक-द्रव्य और आतंकवाद का गठजोड़
भारत ने उक्त प्रस्ताव के तहत सीधे तौर पर सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा नहीं उठाया है लेकिन हाल के वर्षों के दौरान भारत का यह अनुभव है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरह से पोषित आतंकवाद में मादक-द्रव्यों की अहम भूमिका है। इसके पहले भारत की अगुवाई में वर्ष 2023 की नई दिल्ली जी-20 सम्मेलन में आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की गई थी और इसके खिलाफ जीरो-टोलेरेंस की बात पहली बार घोषणा पत्र में शामिल की गई थी।
यह भी पढ़ें: जालंधर के अरमान अस्पताल में इलाज के दौरान मृत हुई टीचर के परिजनों को इंसाफ की दरकार
प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से लगातार हर बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच के जरिए आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को न सिर्फ दोहराया जाता है, वैश्विक बिरादरी को कभी सीमा पार आतंकवाद, तो कभी क्रिप्टोकरेंसी तो कभी टेरर-फंडिंग (आतंकवादियों को वित्तीय सुविधा देने) पर समाधान भी सुझाता है। उम्मीद की जा रही है कि दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में ही इस इनिशिएटिव को औपचारिक रूप दिया जाएगा।

पीएम मोदी ने रखा प्रस्ताव
पारंपरिक ज्ञान को संजोने पर अपना प्रस्ताव रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “दुनिया में कई समुदायों ने अपनी पारंरपिक व पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली को संभाल कर रखा है। इन परंपराओं में सांस्कृतिक ज्ञान, सामाजिक एकता और प्रकृति के प्रति गहरे सम्मान के भी दर्शन होते हैं। भारत का प्रस्ताव है कि जी-20 के तहत एक वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष बनाई जाए। यह वैश्विक प्लेटफार्म मानवता के सामूहिक बुद्धिमता को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद करेगा।”
आगे उन्होंने कहा कि, “अफ्रीका के विकास और अफ्रीका के यंग टैलेंट को सक्षम बनाना पूरी दुनिया के हित में है। इसलिए भारत जी-20 अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिसिएटिव का प्रस्ताव रखता है। ये अलग-अलग क्षेत्रों के ‘ट्रेन-द-ट्रेनर्स’ मॉडल के तहत चल सकता है। और समूह के सभी पार्टनर इसको फाइनांस कर सकते हैं, सपोर्ट कर सकते हैं। हमारा सामूहिक लक्ष्य है कि अगले एक दशक में अफ्रीका में दस लाख प्रशिक्षित ट्रेनर तैयार हो। ये ट्रेनर आगे चलकर करोड़ों स्किल्ड युवा तैयार करेंगे।’






