डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर देहात के गोराया थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब पुलिस और एक गैंगस्टर के बीच आमने-सामने मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में कुख्यात आरोपी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी के पैर में गोली लग गई, जिसके बाद पुलिस ने उसे काबू कर तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया। गोपी लंबे समय से पुलिस को चकमा देता फिर रहा था और उसकी तलाश में देहाती पुलिस कई दिनों से जुटी हुई थी।
सुबह 7 बजे हुई कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, जालंधर (Jalandhar) के गोराया थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह लगभग 7 बजे पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति, जो फरार गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी से मिलता-जुलता है, आल्टो कार में घूम रहा है। इस इनपुट के आधार पर पुलिस टीम ने नाकाबंदी की और जैसे ही संदिग्ध कार दिखाई दी, उसे रुकने का इशारा किया गया। लेकिन पुलिस के मुताबिक चालक ने वाहन रोकने के बजाय भागने की कोशिश की।

इसी दौरान पुलिस और आरोपी के बीच मुठभेड़ की स्थिति पैदा हो गई। मुठभेड़ में पुलिस की जवाबी कार्रवाई के दौरान गोपी के पैर में गोली लग गई। घायल होने के बाद भी आरोपी ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे घेरकर गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से इटली मेड पिस्टल, दो जिंदा कारतूस और एक आल्टो कार बरामद की गई है।
लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर
पुलिस जांच में सामने आया है कि गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी पर नशा तस्करी, लड़ाई-झगड़े और अन्य अपराधों से जुड़े कुल पाँच मामले दर्ज हैं। वह कई महीनों से पुलिस की पकड़ से बाहर चल रहा था। अधिकारियों के अनुसार, गोपी के खिलाफ जारी वारंट के कारण उसकी तलाश लगातार की जा रही थी, परंतु वह जगह-जगह ठिकाने बदलकर फरारी काट रहा था।
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पुलिस का कहना है कि गोपी की गतिविधियाँ हाल ही में फिर से बढ़ गई थीं और वह अपने गैंग के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था, जिसके बाद उसकी खोज तेज कर दी गई। सोमवार को मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्यवाही में आखिरकार उसे पकड़ लिया गया।
खोनू खत्री गैंग का सदस्य
एसएसपी देहाती हरविंदर सिंह विर्क ने बताया कि गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी, कुख्यात खोनू खत्री गैंग का सक्रिय सदस्य था। यह गैंग कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा है, और इसके कई सदस्य पहले भी पुलिस कार्रवाई में पकड़े जा चुके हैं।
एसएसपी के अनुसार, गोपी 2006 से अपराध जगत में सक्रिय है और इस दौरान उसने कई छोटे-बड़े अपराधों में हिस्सा लिया। उसका मुख्य काम गैंग के लिए नशा तस्करी का नेटवर्क संभालना और विरोधियों या लेनदारों के साथ लड़ाई-झगड़े में शामिल होना था। पुलिस का मानना है कि गोपी का गैंग के कई सदस्यों के साथ सीधा संपर्क था और वह नए युवाओं को भी अपराध की दुनिया में खींचने की कोशिश करता था।

पुलिस की पूछताछ शुरू
गोली लगने के बाद पुलिस टीम ने उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उसका उपचार किया जा रहा है। पुलिस ने अस्पताल में उसकी सुरक्षा के लिए विशेष गार्ड तैनात किए हैं, ताकि वह दोबारा भागने की कोशिश न कर सके।
अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही उसकी मेडिकल स्थिति सामान्य होगी, उससे गैंग की गतिविधियों और उसके अन्य साथियों के बारे में पूछताछ की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि गोपी से पूछताछ के बाद गैंग के अन्य सदस्यों तक भी पहुंच आसान हो सकती है।
क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाई गई
मुठभेड़ की जानकारी मिलते ही आसपास के क्षेत्र में पुलिस बल बढ़ा दिया गया, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। देहाती पुलिस ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है।
पुलिस अब बरामद हथियार और वाहन के स्रोत की जांच कर रही है। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपी पिछले दिनों किन-किन क्षेत्रों में छिपा हुआ था और उसके नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं। इस मुठभेड़ और गिरफ्तारी को पुलिस एक बड़ी सफलता मान रही है, क्योंकि गोपी लंबे समय से फरार था और उसके खिलाफ दर्ज मामले गंभीर प्रकृति के हैं।






