PMO Seva Teerth: प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम बदला, अब ‘सेवा तीर्थ’ के नाम से जाना जाएगा PMO

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में उपनिवेशकालीन प्रतीकों और शाही छवि वाले नामों को बदले जाने की एक व्यापक मुहिम जारी है। इसकी शुरुआत 2016 में हुई, जब प्रधानमंत्री आवास का पता 7, रेस कोर्स रोड बदलकर 7, लोक कल्याण मार्ग किया गया

Daily Samvad
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PMO Seva Teerth
Highlights
  • पीएमओ जल्द ही अपने नए परिसर में शिफ्ट होगा
  • रेस कोर्स रोड बदलकर लोक कल्याण मार्ग
  • राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा गया

डेली संवाद, नई दिल्ली। PMO Seva Teerth: केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार नया नाम प्रधानमंत्री की कार्यशैली की मूल भावना—सेवा, कर्तव्य और जवाबदेही—को दर्शाता है। पीएमओ (PMO) जल्द ही अपने नए परिसर में शिफ्ट होगा, जिसका नाम ‘सेवा तीर्थ’ रखा गया है।

यह नया कॉम्प्लेक्स, जो निर्माण के अंतिम चरण में है, पहले सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत ‘एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव’ के नाम से जाना जाता था। ‘सेवा तीर्थ’ में PMO के साथ-साथ कैबिनेट सेक्रेटेरिएट, नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटेरिएट और इंडिया हाउस के कार्यालय भी होंगे। भारत आने वाले उच्च-स्तरीय विदेशी प्रतिनिधियों के साथ चर्चाओं और बैठकों के लिए यही जगह मुख्य केंद्र बन जाएगी।

PM Narendra Modi
PM Narendra Modi

सांस्कृतिक बदलाव का हिस्सा

अधिकारियों ने बताया कि नए परिसर को ‘सेवा की भावना’ को केंद्र में रखते हुए डिजाइन किया गया है। उनका कहना है कि यह बदलाव केवल नामों तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के सार्वजनिक संस्थानों में एक शांति से चल रही लेकिन गहरी संरचनात्मक और सांस्कृतिक बदलाव का हिस्सा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कार्यकाल में उपनिवेशकालीन प्रतीकों और शाही छवि वाले नामों को बदले जाने की एक व्यापक मुहिम जारी है। इसकी शुरुआत 2016 में हुई, जब प्रधानमंत्री आवास का पता 7, रेस कोर्स रोड बदलकर 7, लोक कल्याण मार्ग किया गया।

Narendra Modi PM
Narendra Modi PM

राजपथ का नाम कर्तव्य पथ

इसके बाद 2022 में राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा गया। कुछ दिन पहले राजभवनों का नाम बदलकर लोकभवन किया गया। इसी सिलसिले में भारत के प्रशासनिक केंद्र सेंट्रल सेक्रेटेरिएट का नया नाम कर्तव्य भवन रखा गया।

सरकार का कहना है कि ये बदलाव केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि शासन की सोच में परिवर्तन के संकेत हैं—जहाँ सत्ता और दूरी के बजाय सेवा, कर्तव्य और सार्वजनिक उत्तरदायित्व को प्रमुखता दी जा रही है। आने वाले दिनों में कई और बदलाव किया जा सकता है।















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