डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर में एक बार फिर विदेश भेजने के नाम पर बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। शहर के अमरीक सिंह और उनकी पत्नी पूजा ने अंकुर नरूला चर्च में सक्रिय रहने वाले फ्रांसिस मसीह और उसकी कंपनी पर 37 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगाया है।
पीड़ित दंपति का कहना है कि आरोपी ने कनाडा टूरिस्ट वीजा (Canada Visa) का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ ली, लेकिन न तो वीजा मिला और न ही विदेश भेजा गया। अंकुर नरूला चर्च में सक्रिय रहने वाले फ्रांसिस मसीह उन्हें चर्च में एक कार्यक्रम के दौरान मिला था।

कार्यक्रम के दौरान संपर्क में आया था आरोपी
पीड़ित दंपति ने बताया कि वे एक कार्यक्रम के माध्यम से जालंधर (Jalandhar) में फ्रांसिस मसीह के संपर्क में आए थे। आरोप है कि फ्रांसिस स्वयं को चर्च में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में पेश करता था और दावा करता था कि वह विदेश भेजने का काम वर्षों से कर रहा है। इसी भरोसे के चलते अमरीक और पूजा ने अपने परिवार के सदस्यों का भविष्य सुरक्षित मानते हुए रकम दे दी।
पूजा ने बताया कि न केवल उनके पति, बल्कि देवर और देवरानी के नाम पर भी वीजा और टिकट दिखाकर पैसे लिए गए थे। आरोपी ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि 5 दिनों के भीतर फ्लाइट हो जाएगी, लेकिन इसके बाद लगातार टालमटोल शुरू हो गई।
फर्जी टिकट और वीजा दिखाए
पीड़िता पूजा के अनुसार फ्रांसिस ने उन्हें नकली वीजा, जाली एयर टिकट, और अन्य दस्तावेज दिखाए, ताकि वे पैसे देने में संकोच न करें। लेकिन जब महीनों बीत गए और कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी तो उन्हें शक हुआ।
पूजा ने बताया कि अब इस पूरे मामले को डेढ़ साल हो चुका है, लेकिन न तो विदेश जाने की व्यवस्था की गई और न ही पैसे लौटाए गए। इतना ही नहीं, आरोप है कि परिवार के पासपोर्ट भी अब तक आरोपी के पास ही रखे हुए हैं, जिससे पीड़ित और भी परेशान हैं।
अंकुर नरूला चर्च में मिलकर बनाया भरोसा
पीड़ित परिवार के अनुसार फ्रांसिस मसीह चर्च में सक्रिय रूप से शामिल रहता था। पूजा ने बताया कि वह हर कार्यक्रम में आगे रहता था और खुद को चर्च से जुड़ा एक खास व्यक्ति बताता था। इसी वजह से उन पर आसानी से भरोसा कर लिया गया।
जब ठगी का शक गहराया तो पीड़ितों ने चर्च से जुड़े एक अन्य व्यक्ति गौरव प्रधान से संपर्क किया। गौरव ने भी शुरुआत में पैसे वापस करवाने का आश्वासन दिया, लेकिन कई महीनों तक लगातार चक्कर कटवाने के बाद कोई समाधान नहीं निकला।
पीड़ितों का दावा है कि इस ठगी गिरोह के कई और शिकार भी सामने आने को तैयार हैं, जो जल्द ही अपनी शिकायत दर्ज कराने वाले हैं। इससे संकेत मिलता है कि यह कोई अकेला मामला नहीं बल्कि संगठित ठगी का हिस्सा हो सकता है।
पुलिस में शिकायत, पर कोई कार्रवाई नहीं?
अमरीक सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी होने के तुरंत बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस को शिकायत दी थी। लेकिन हैरानी की बात है कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि कई बार पुलिस को सबूत दिए गए, लेकिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। इससे परिवार में गहरा रोष है।
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भाना सिद्धू, जो पीड़ित परिवार के साथ खड़े हुए हैं, ने मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और फ्रांसिस मसीह पर तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जांच एजेंसियां आगे नहीं बढ़तीं, तो वे इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाएंगे और जरूरत पड़ने पर प्रदर्शन भी करेंगे।
विदेश भेजने के नाम पर बढ़ती धोखाधड़ी चिंता का विषय
पंजाब में विदेश भेजने की चाहत लंबे समय से लोगों की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक रही है। इसी आकांक्षा का फायदा उठाकर कई फर्जी एजेंट और गिरोह सक्रिय हो जाते हैं, जो भोले-भाले लोगों से लाखों रुपए हड़प लेते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को बिना लाइसेंस वाले एजेंटों से सावधान रहना चाहिए। किसी भी एजेंसी पर पैसा देने से पहले उसका रजिस्ट्रीकरण, पिछला रिकॉर्ड, और दस्तावेजों की सत्यता जरूर जांचनी चाहिए।

पीड़ितों की मांग – न्याय मिले और आरोपी गिरफ्तार हो
अमरीक सिंह व उनका परिवार चाहता है कि उन्हें जल्द न्याय मिले। उनका कहना है कि इतनी बड़ी रकम देना उनके लिए आसान नहीं था, और अब पासपोर्ट वापस न मिलने से वे दोहरी मुसीबत में हैं।
परिवार ने प्रशासन से अपील की है कि आरोपी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए, ताकि अन्य लोग इस तरह की ठगी का शिकार न बनें।
जालंधर में सामने आया यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि विदेश भेजने के नाम पर होने वाली ठगी अब भी बेखौफ जारी है, और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।








