Punjab News: पंजाब का प्रसिद्ध उद्योगपति गिरफ्तार, दर्ज FIR में सनसनीखेज आरोप

सौदे के तहत रियात परिवार को भारी-भरकम रकम दी और बदले में तीन संपत्तियां भी ट्रांसफर कीं—जिनमें डेहलों में एक एकड़ जमीन, जसपाल बांगर में 6500 वर्ग गज की संपत्ति, और देत्तवाल में 1240 वर्ग गज का प्लॉट शामिल हैं

Daily Samvad
6 Min Read
arrest
Highlights
  • सुरिंदर सिंह रियात पर धोखाधड़ी का आरोप
  • लुधियाना के प्रमुख इंडस्ट्रियलिस्ट हैं रियात
  • अदालत के आदेश पर पुलिस का एक्शन

डेली संवाद, लुधियाना। Punjab News: पंजाब के मशहूर उद्योगपति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब के लुधियाना के सराभा नगर थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरु नानक पब्लिक स्कूल, सराभा नगर की प्रबंधक समिति के अध्यक्ष और प्रसिद्ध उद्योगपति सुरिंदर सिंह रियात को भूमि धोखाधड़ी के एक गंभीर मामले में गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक अदालत में पेशी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। लुधियाना पुलिस ने उनके भाई व उद्योगपति जसबीर सिंह रियात को भी इसी प्रकरण में नामजद किया है। पंजाब का (Punjab) रियात परिवार लंबे समय से एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक ट्रस्ट का संचालन करता रहा है, जिसके कारण यह मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

FIR
FIR

FIR दर्ज कराने वाले चमकौर सिंह के आरोप

इस पूरे मामले की शुरुआत बाबा नंद सिंह नगर निवासी चमकौर सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से हुई। एफआईआर के अनुसार वर्ष 2011 में एक भूमि सौदे के तहत किया गया समझौता विवाद की जड़ बना। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि भाई रणधीर सिंह नगर के निवासी और उद्योगपति जसबीर सिंह रियात ने गुरु नानक पब्लिक स्कूल, अय्याली कलां ट्रस्ट के प्रबंधन से स्कूल की 7.5 एकड़ जमीन बेचने की अनुमति ली थी।

शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्होंने सौदे के तहत रियात परिवार को भारी-भरकम रकम दी और बदले में तीन संपत्तियां भी ट्रांसफर कीं—जिनमें डेहलों में एक एकड़ जमीन, जसपाल बांगर में 6500 वर्ग गज की संपत्ति, और देत्तवाल में 1240 वर्ग गज का प्लॉट शामिल हैं।

2022 में एफआईआर दर्ज

इन संपत्तियों के हस्तांतरण और भुगतान के बावजूद, चमकौर सिंह का आरोप है कि रियात और उनके सहयोगियों ने तय समझौते के मुताबिक उन्हें 7.5 एकड़ स्कूल की जमीन ट्रांसफर नहीं की। काफी इंतजार और कई प्रयासों के बाद, मजबूरन मार्च 2022 में उन्होंने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज कराई।

Police
Police

समझौता और एफआईआर की वापसी

मामला दर्ज होने के बाद स्थानीय मध्यस्थों ने दोनों पक्षों के बीच एक समझौता करवाया। अगस्त 2022 में हुए इस समझौते के अनुसार रियात परिवार को चमकौर सिंह की सभी संपत्तियां वापस करनी थीं, ताकि सौदा समाप्त माना जा सके।

इस समझौते पर आधारित शपथ पत्र अदालत में पेश किए जाने के बाद एफआईआर रद्द कर दी गई। हालांकि, शिकायतकर्ता का कहना है कि रियात परिवार ने न तो संपत्तियां वापस कीं और न ही लिए गए 1.88 करोड़ रुपये लौटाए। इस प्रकार, उन पर एक बार फिर विश्वासघात करने का आरोप लगा।

ADCP जांच में पाए गए गंभीर तथ्य

एफआईआर के अनुसार जब मामले की जांच एडीसीपी स्तर पर की गई, तो कई अहम तथ्य सामने आए। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि 2011 में हुआ 7.5 एकड़ भूमि का मूल समझौता वास्तव में निष्पादित हुआ था। शिकायतकर्ता ने सौदे के हिस्से के रूप में अपनी मूल्यवान संपत्तियां ट्रांसफर कर दी थीं, लेकिन रियात परिवार ने अपने हिस्से की शर्त—जमीन ट्रांसफर—को पूरा नहीं किया।

इसके अलावा जांच में यह भी पाया गया कि बाद में हुए समझौते को भी आरोपियों ने लागू नहीं किया और समझौते के बावजूद शिकायतकर्ता की संपत्तियां वापस नहीं की गईं। इससे यह स्पष्ट हुआ कि आरोपियों ने जानबूझकर धोखाधड़ी की।

पुलिस की कार्रवाई

सराभा नगर थाने के सब-इंस्पेक्टर आदित्य शर्मा ने पुष्टि की कि जसबीर सिंह रियात के खिलाफ पहले ही धारा 420 के तहत मामला दर्ज था। विस्तृत जांच के बाद पुलिस ने पाया कि सुरिंदर सिंह रियात की भूमिका भी धोखाधड़ी में स्पष्ट है, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।

अदालत में पेशी के बाद सुरिंदर सिंह रियात को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। मामला गंभीर आर्थिक अपराध से जुड़ा होने के कारण पुलिस इसे प्राथमिकता से देख रही है।

Big action by the government
Big action by the government

शहर में चर्चा का विषय

लुधियाना में शिक्षा और उद्योग जगत से जुड़े होने के कारण रियात परिवार की प्रतिष्ठा रही है, जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी ने पूरे शहर में हलचल मचा दी है। शिक्षा संस्थानों की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हुए हैं। स्थानीय लोग और अभिभावक इस मामले पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि यह मामला एक प्रतिष्ठित स्कूल ट्रस्ट की जमीन से जुड़ा है।

आगे क्या?

पुलिस जांच अभी जारी है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होंगे। यदि आरोप प्रमाणित होते हैं तो रियात परिवार को गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं शिकायतकर्ता चमकौर सिंह न्याय की उम्मीद में पुलिस और अदालत की कार्यवाही पर भरोसा बनाए हुए हैं।

यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि भूमि सौदों में पारदर्शिता की कमी किस प्रकार वर्षों तक चलने वाले विवाद और बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *