डेली संवाद, अमेरिका। US Citizenship Will Be Available For Rs 9 Crore News Update: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को अपने महत्वाकांक्षी इमिग्रेशन और निवेश आधारित वीज़ा कार्यक्रम के तहत ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की औपचारिक घोषणा कर दी। अब भारतीय 9 करोड़ रुपए फीस जमा कर के अमेरिका की नागरिकता हासिल कर सकते हैं।
अमेरिकी (US Citizenship) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की इस घोषणा के बाद आज से दुनियाभर के आवेदक इस प्रीमियम वीज़ा कैटेगरी (Premium visa category) के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसकी कीमत 1 मिलियन डॉलर (करीब 9 करोड़ रुपए) रखी गई है, जबकि कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए शुल्क 2 मिलियन डॉलर (करीब 18 करोड़) होगा।

धनी निवेशक अमेरिका में आएंगे
ट्रम्प प्रशासन का दावा है कि यह नया वीज़ा मॉडल (Visa Model) अमेरिका फर्स्ट (America First) नीति के तहत तैयार किया गया है, जिसका मकसद दुनिया भर से श्रेष्ठ प्रतिभाओं और धनी निवेशकों को अमेरिका में आकर्षित करना है। इस कार्यक्रम के जरिए अमेरिका विदेशी निवेश, रोजगार और वैज्ञानिक/शैक्षणिक प्रतिभा को बढ़ावा देने की उम्मीद कर रहा है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने फरवरी 2024 में इस ‘गोल्ड कार्ड’ वीज़ा प्रोग्राम की पहली घोषणा की थी। उस समय कार्ड की कीमत 5 मिलियन डॉलर (लगभग 42 करोड़ रुपये) बताई गई थी। लेकिन वैश्विक प्रतिक्रिया और निवेशकों की सुझावों को ध्यान में रखते हुए, सितंबर में इसे घटाकर 1 मिलियन डॉलर कर दिया गया।
इसके लिए क्या करना होगा?
इसके बाद से निवेशकों और उच्च कौशल वाली प्रतिभाओं के लिए इसे एक आकर्षक विकल्प माना जा रहा है, क्योंकि यह उन्हें अमेरिका में स्थायी निवास जैसा दर्जा देने वाली स्कीम है, लेकिन नागरिकता के अधिकारों (जैसे पासपोर्ट, वोट) के बिना।
होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने कहा, “यह दुनिया के सफल उद्यमियों को आकर्षित करेगा और अमेरिका की आर्थिक प्रगति को नई दिशा देगा।”

अब सिर्फ टैलेंटेड लोगों को ही वीज़ा देगा
घोषणा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पष्ट कहा कि अमेरिका अब उन लोगों के लिए वीज़ा जारी नहीं करेगा जो अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों के लिए खतरा बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि “अब हम सिर्फ टैलेंटेड लोगों को ही वीज़ा देंगे।
अमेरिका को उन लोगों की ज़रूरत है जो यहां आकर नवाचार बढ़ाएं, रोजगार उत्पन्न करें और हमारी अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाएं।” ट्रम्प ने यह भी कहा कि गोल्ड कार्ड से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल कर कम करने, सरकारी कर्ज़ चुकाने और राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा विकास में किया जाएगा।
क्या है ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’?
‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ एक प्रीमियम वीज़ा विकल्प है, जिसके जरिए विदेशी नागरिकों को अमेरिका में अनलिमिटेड रेजीडेंसी का अधिकार मिलेगा। यह लगभग ग्रीन कार्ड जैसा है, लेकिन इससे अमेरिकी पासपोर्ट या मतदान का अधिकार नहीं मिलता।

गोल्ड कार्ड की प्रमुख विशेषताएं
- अमेरिका में अनलिमिटेड रहने की अनुमति
- काम करने और व्यापार शुरू करने का अधिकार
- संपत्ति खरीदने और स्वतंत्र आर्थिक गतिविधियों की आज़ादी
- अमेरिकी नागरिकों जैसी लगभग सभी नागरिक सुविधाएं
- परिवार (पति/पत्नी व बच्चों) के लिए निर्बाध निवास सुविधा
ट्रंप प्रशासने क मुताबिक यह प्रक्रिया लगभग उसी तरह होगी जैसे ग्रीन कार्ड के लिए EB-1 और EB-2 वीज़ा कैटेगरी के तहत होती थी। इसके लाभ आप को मिलेंगे। क्योंकि आप 9 करोड़ रुपए जमा कर के अमेरिका की नागरिकता हासिल कर लेंगे।
ट्रम्प प्लैटिनम कार्ड भी जल्द लॉन्च होगा
गोल्ड कार्ड की घोषणा के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने संकेत दिया कि एक और प्रीमियम वीज़ा—ट्रम्प प्लैटिनम कार्ड—भी जल्द लॉन्च किया जाएगा। इसकी अनुमानित फीस 5 मिलियन डॉलर (लगभग 42 करोड़ रुपये) रखी गई है। इसके अलावा प्रशासन 3 नए वीज़ा कार्ड मॉडल भी पेश कर चुका है।
- ट्रम्प गोल्ड कार्ड
- ट्रम्प प्लैटिनम कार्ड
- कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड
कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड कंपनियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड के लिए कंपनियों को 2 मिलियन डॉलर (करीब 18 करोड़ रुपए) का शुल्क देना होगा, जिसके बदले वे अमेरिकी धरती पर व्यापारिक गतिविधियां बढ़ा पाएंगी।

EB-1 और EB-2 वीज़ा की जगह लेगा गोल्ड कार्ड
अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक के अनुसार, यह नया गोल्ड कार्ड कार्यक्रम मौजूदा उच्च कौशल आधारित ग्रीन कार्ड कैटेगरी—EB-1 और EB-2—की जगह लेगा।
EB-1 वीज़ा क्या था?
वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों, कलाकारों और बिजनेस लीडर्स जैसे “एक्सेप्शनल टैलेंट” वालों के लिए स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) का मार्ग प्रदान करता था।
EB-2 वीज़ा क्या था?
मास्टर्स या उससे अधिक योग्यता रखने वाले पेशेवरों के लिए यह वीजा था। इसमें नेशनल इंटरेस्ट वेवर (NIW) जैसी सुविधाएं भी शामिल थीं। लेकिन गोल्ड कार्ड आने के बाद ये कैटेगरी बंद या विलय हो सकती हैं। यानी भविष्य में अमेरिका में उच्च कौशल और निवेश आधारित इमिग्रेशन मुख्यतः ट्रम्प कार्ड कैटेगरी के तहत ही होगा।

क्यों लॉन्च किया गया यह नया वीज़ा मॉडल?
ट्रम्प प्रशासन ने इसे अपने अमेरिका फर्स्ट और टैलेंट-फर्स्ट एजेंडा की सबसे बड़ी पहल बताते हुए कहा कि अमेरिका में विदेशी निवेश बढ़ाया जाएगा। आर्थिक विकास और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी। अमेरिका में पढ़ाई करने वाले भारतीय और चीनी छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान होंगे।
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बड़ी विदेशी कंपनियों को अमेरिका में ऑफिस खोलने के लिए प्रेरित किया जाएगा। तकनीक, शोध और नवाचार में तेजी आएगी यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी और टेक उद्योग में छंटनी के दौर के बीच अमेरिका बेहतर आर्थिक मॉडल की तलाश में है।
विश्वभर में शुरू हुई चर्चा
ट्रम्प गोल्ड कार्ड की कीमत में भारी कमी के बाद इस वीज़ा के प्रति दुनियाभर के उच्च आय वर्ग, सफल उद्यमियों और टेक टैलेंट में रुचि बढ़ गई है। विशेषकर भारत, चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय देशों में इसे लेकर चर्चा तेज है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह दुनिया के सबसे महंगे और सबसे प्रीमियम वीज़ा कार्यक्रमों में शामिल हो जाएगा, जिससे निवेश आधारित इमिग्रेशन का नया ट्रेंड शुरू हो सकता है।

क्या होगा अगले कदम?
आने वाले महीनों में प्लैटिनम कार्ड की घोषणा होगी। EB-1 और EB-2 कैटेगरी का पुनर्गठन किया जाएगा। गोल्ड कार्ड के आवेदन की संख्या के आधार पर अगले साल नीतियों में बदलाव होगा।
कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कार्ड को और लचीला बनाया जाएगा। ट्रम्प प्रशासन को उम्मीद है कि इस योजना से आने वाले वर्षों में अरबों डॉलर का विदेशी निवेश अमेरिका में पहुंचेगा।






