डेली संवाद, सिडनी। Firing News: ऑस्ट्रेलिया में समुद्र किनारे त्योहार मना रहे यहूदी समुदाय पर हुई अंधाधुंध फायरिंग से देश में सनसनी फैल गई। इस हमले में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में रविवार दोपहर नॉर्थ बॉन्डी बीच पर बड़ी संख्या में लोग रेत पर दौड़ते हुए नजर आए। इसी दौरान तेज गोलियों की आवाजें भी सुनाई दीं।
एक दूसरे वीडियो में काले कपड़े पहने दो युवक दिखाई दिए, जो सड़क पर खड़े होकर राइफल जैसे हथियारों से फायरिंग कर रहे थे। पुलिस ने हमलावर माने जा रहे एक शख्स को गोली मार दी, जबकि दूसरे हमलावर माने जा रहे व्यक्ति को पकड़ लिया गया। फिलहाल दोनों पुलिस की हिरासत में हैं।
हमलावर को गोली मार दी
घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमलावर को गोली मार दी। फायरिंग के बाद बीच पर चारों तरफ शव बिखरे दिखाई दिए, जिससे वहां मौजूद लोगों में दहशत फैल गई। यह घटना शनिवार शाम की बताई जा रही है, जब बड़ी संख्या में लोग समुद्र किनारे यहूदी समुदाय के एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार का आयोजन कर रहे थे।

कार्यक्रम में परिवारों के साथ महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अचानक गोलियों की आवाज सुनाई दी और कुछ ही पलों में अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, लेकिन हमलावर ने भीड़ को निशाना बनाकर लगातार फायरिंग की।
बीच पर मची चीख-पुकार
घटना के चश्मदीदों ने बताया कि फायरिंग इतनी अचानक और तेज थी कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला। लोग जमीन पर गिर पड़े, कई लोग समुद्र की ओर भागने लगे। कुछ लोग अपनों को बचाने की कोशिश करते नजर आए। फायरिंग के बाद बीच पर खून से सनी लाशें और घायल पड़े दिखाई दिए। राहत और बचाव दल के पहुंचने तक वहां चीख-पुकार का माहौल बना रहा।
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स्थानीय पुलिस के अनुसार, हमलावर भारी हथियार से लैस था और उसने जानबूझकर त्योहार मना रही भीड़ को निशाना बनाया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और विशेष बल मौके पर पहुंचे। पुलिस ने हमलावर को आत्मसमर्पण करने को कहा, लेकिन उसने फायरिंग जारी रखी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे मौके पर ही ढेर कर दिया।

10 लोगों की मौत की पुष्टि
पुलिस ने पुष्टि की है कि इस हमले में 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है।
ऑस्ट्रेलियाई (Australia) प्रधानमंत्री ने घटना पर गहरा दुख जताया है और इसे देश की एकता पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में नफरत और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। सरकार पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यहूदी समुदाय में आक्रोश और शोक
इस हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया के यहूदी समुदाय में गहरा आक्रोश और शोक है। समुदाय के नेताओं ने इसे नफरत से प्रेरित हमला बताया है और सरकार से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि धार्मिक आयोजनों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा को लेकर पहले से ही चिंता जताई जा रही थी, लेकिन इसके बावजूद इतना बड़ा हमला हो गया।
घटना के बाद देशभर में यहूदी धार्मिक स्थलों और सामुदायिक केंद्रों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने बड़े शहरों में अतिरिक्त बल तैनात किए हैं और संवेदनशील इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है।

जांच में जुटी एजेंसियां
पुलिस और खुफिया एजेंसियां हमलावर की पहचान, उसके मकसद और पृष्ठभूमि की जांच कर रही हैं। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि हमला नस्लीय या धार्मिक नफरत से प्रेरित हो सकता है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है। हमलावर के घर और डिजिटल उपकरणों की भी जांच की जा रही है।
ऑस्ट्रेलिया में इस तरह की घटनाएं दुर्लभ मानी जाती हैं, इसलिए यह हमला देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के वर्षों में वैश्विक स्तर पर बढ़ती नफरत और कट्टरता का असर अब ऑस्ट्रेलिया जैसे शांत देशों में भी दिखने लगा है।
पूरे देश में शोक
इस घटना के बाद पूरे ऑस्ट्रेलिया में शोक की लहर है। कई शहरों में पीड़ितों की याद में कैंडल मार्च और प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोग हमले की निंदा कर रहे हैं और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना जता रहे हैं।
सरकार ने साफ कहा है कि इस हमले के दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और देश में शांति व सद्भाव बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।






