डेली संवाद, लुधियाना। Punjab News: स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता का आदर्श बनने की अपनी दृष्टि से प्रेरित होकर, डीएमसी एंड एच, लुधियाना ने एक बार फिर नया मानदंड स्थापित किया है। संस्थान ने बायोकैमिस्ट्री विभाग में नवीनतम प्रयोगशाला स्वचालन तकनीक से युक्त cobas Pro प्लेटफॉर्म तथा माइक्रोबायोलॉजी विभाग में cobas 5800 मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक सिस्टम को अपनाया है, जिससे वायरल लोड परीक्षण और मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स के लिए प्रयोगशाला क्षमताओं को मजबूत किया गया है।
इन सुविधाओं का उद्घाटन बिपिन गुप्ता, सचिव, DMC&H मैनेजिंग सोसायटी द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुकेश वर्मा, कोषाध्यक्ष, DMC&H मैनेजिंग सोसायटी, प्राचार्य डॉ. जी. एस. वांडर, डीन अकादमिक्स डॉ. संदीप कौशल, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. संदीप शर्मा, अतिरिक्त मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. आशिमा तनेजा तथा माइक्रोबायोलॉजी और बायोकैमिस्ट्री विभागों के संकाय सदस्य उपस्थित थे।
अपने संदेश में बिपिन गुप्ता ने कहा कि DMC&H सदैव उन्नत तकनीक को अपनाकर रोगी देखभाल में सुधार के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इन आधुनिक डायग्नोस्टिक सुविधाओं की शुरुआत सटीक, विश्वसनीय और कुशल प्रयोगशाला सेवाएं प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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DMC&H के प्राचार्य डॉ. जी. एस. वांडर ने दोनों विभागों को cobas Pro और cobas 5800 प्लेटफॉर्म की स्थापना पर बधाई दी और कहा कि इससे बेहतर निदान एवं रोगी देखभाल में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
डॉ. वीणु गुप्ता, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने बताया कि विभाग में हेपेटाइटिस बी, सी और एचआईवी के लिए उन्नत जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें एलाइज़ा (ELISA) और वायरल लोड परीक्षण शामिल हैं। इन परीक्षणों का उपयोग इन संक्रमणों के निदान, निगरानी और उपचार के लिए किया जाता है। कोबास 5800 (Cobas 5800) एक कॉम्पैक्ट और पूर्णतः स्वचालित रियल-टाइम पीसीआर आणविक जांच प्लेटफॉर्म है।
यह सैंपल तैयारी से लेकर एम्प्लीफिकेशन और डिटेक्शन तक एकीकृत वर्कफ़्लो ऑटोमेशन प्रदान करता है, जिससे न्यूक्लिक एसिड परीक्षण (NAT) विश्वसनीय और प्रभावी रूप से किया जा सकता है। इससे सटीक निदान, उपचार और निगरानी संभव होती है, जिससे रोगी देखभाल में सुधार होता है।







