Punjab News: गतका में नए मानक स्थापित, नेशनल गत्तका एसोसिएशन ने प्रमाणन ज़रिए ऑफिशिएटिंग स्तर को उठाया ऊंचा

Muskan Dogra
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: तीन दिवसीय राष्ट्रीय गत्तका रिफ्रेशर कोर्स का समापन नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NGAI) द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा के साथ प्रभावशाली ढंग से हुआ। यह परीक्षा पारंपरिक मार्शल खेल गत्तका में ऑफिशिएटिंग मानकों को पेशेवर रूप देने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है। इस परीक्षा के आधार पर गत्तका अधिकारियों की ग्रेडिंग और प्रमाणन किया गया जो आगे चलकर उन्हें राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में ऑफिशिएटिंग की पात्रता प्रदान करेगा।

समापन सत्र को संबोधित करते हुए NGAI के अध्यक्ष एडवोकेट हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह प्रमाणन प्रक्रिया नियमों की एकरूप व्याख्या सुनिश्चित करने, तकनीकी दक्षता को मज़बूत करने और प्रतियोगिताओं के दौरान अनुशासन एवं निष्पक्षता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि अब केवल वही रेफरी और जज, जिनका संरचित सैद्धांतिक और प्रायोगिक मूल्यांकन के माध्यम से प्रमाणन किया गया है, राष्ट्रीय चैंपियनशिप और प्रमुख प्रतियोगिताओं में ऑफिशिएटिंग की ज़िम्मेदारी निभाएंगे।

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गतका प्रमोटर ग्रेवाल ने बताया कि यह रिफ्रेशर कोर्स और परीक्षा गत्तका ऑफिशिएटिंग को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुँचाने की दीर्घकालिक कार्ययोजना का हिस्सा है। उन्होंने घोषणा की कि अगला राष्ट्रीय गत्तका रिफ्रेशर कोर्स जनवरी में छत्तीसगढ़ के भिलाई में न्यू गत्तका स्पोर्ट्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। ग्रेवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशिक्षित और प्रमाणित अधिकारियों की संख्या बढ़ाने के लिए देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा में ग्रेवाल ने बताया कि वर्ल्ड गतका फेडरेशन की अंतरराष्ट्रीय नियम पुस्तिका का संशोधित पाँचवाँ संस्करण शीघ्र ही प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अद्यतन संस्करण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से प्राप्त हालिया सुधारों और व्यावहारिक अनुभवों को समाहित करेगा तथा खिलाड़ियों, अधिकारियों और आयोजकों के लिए एक आधिकारिक संदर्भ दस्तावेज़ के रूप में कार्य करेगा।

विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे एक दुर्लभ और अत्यंत उपयोगी सीखने का अवसर बताया। छत्तीसगढ़ के अमन सिंह, महाराष्ट्र के पांडुरंग अंभूरे, पंजाब के गुरविंदर सिंह घनौली और हरियाणा के हरनाम सिंह ने कहा कि विस्तृत सैद्धांतिक जानकारी और व्यावहारिक सत्रों के संयोजन से उन्हें ऑफिशिएटिंग प्रोटोकॉल, प्रतियोगिता प्रबंधन और मैदान पर निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली है।















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