डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: राज्य में वनों के अंतर्गत क्षेत्र बढ़ाने एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ एवं हरा-भरा पर्यावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पंजाब सरकार 8 जंगल एवं प्रकृति जागरूकता पार्क विकसित कर रही है। इनमें से चार पार्क पठानकोट में, 2 पटियाला में तथा अमृतसर एवं होशियारपुर में 1-1 पार्क ग्रीनिंग पंजाब मिशन के अंतर्गत विकसित किए जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क (Lal Chand Kataruchakk) की अगुवाई में वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग इन प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। पठानकोट में गांव घरोटा (0.50 हेक्टेयर), कटारूचक्क (0.75 हेक्टेयर), हैबत पिंडी (0.60 हेक्टेयर) एवं आई.टी.आई. बमियाल में ये पर्यावरण पार्क बनाए जा रहे हैं। इसी प्रकार पटियाला में बैरन माइनर सहित दो स्थानों पर पर्यावरण पार्क विकसित किए जा रहे हैं।
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अमृतसर में गांव जगदेव कलां पुल के पास पर्यावरण पार्क बनाया जा रहा है, जबकि होशियारपुर के बस्सी पुरानी में एक वन चेतना पार्क प्रगति पर है। हैबत पिंड में पार्क के संबंध में इंटरलॉकिंग टाइलों वाले नेचर ट्रेल का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि खेल उपकरण स्थापित करने एवं ओपन एयर शेल्टर (गाजेबो) का निर्माण चल रहा है। घरोटा में भी इंटरलॉकिंग टाइलों वाले नेचर ट्रेल का कार्य पूरा हो चुका है जबकि खेल उपकरण स्थापित करने एवं ओपन एयर शेल्टर की स्थापना वर्तमान में चल रही है।

इसी प्रकार गांव कटारूचक्क में भी इंटरलॉकिंग टाइलों वाले नेचर ट्रेल एवं खेल उपकरणों की स्थापना का कार्य बहुत तेजी से जारी है। राज्य सरकार का यह सुहृद प्रयास रहा है कि अधिक से अधिक हरियाली सुनिश्चित की जाए एवं साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा के उपाय किए जाएं। इस संबंध में वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग द्वारा ‘द पंजाब प्रोटेक्शन ऑफ ट्रीज एक्ट, 2025’ का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसका उद्देश्य हरियाली को बनाए रखना, पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित करना एवं पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के साथ-साथ मिट्टी का संरक्षण करना है।
यह एक्ट पंजाब के सभी शहरी क्षेत्रों में लागू होगा। एक्ट के अनुसार किसी भी नगर कौंसिल, नगर निगम, नोटीफाइड एरिया कमेटी, टाउन एरिया कमेटी या शहरी विकास अथॉरिटी/इकाई इसके अंतर्गत कवर होंगे। एक्ट में एक ट्री ऑफिसर का भी प्रावधान है जिसका अर्थ है पंजाब में शहरी स्थानीय संस्थाओं में एक कार्यकारी अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा इस प्रकार नोटीफाई किया गया कोई अन्य अधिकारी।






