डेली संवाद, मंडी गोबिंदगढ़/सोनीपत/लुधियाना/जालंधर। GST Scam News Update: जीएसटी घोटाले का पर्दफाश हुआ है। इस घोटाले में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली की कई फर्मों का नाम सामने आया है। करीब 118 करोड़ रुपए का जीएसटी स्कैम (GST Scam) पकड़ में आया है। इसमें सैंट्रल जीएसटी की टीम ने सोनीपत की एक कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है। जबकि कईय़ों की खोजबीन की जी रही है।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय जीएसटी (GST) आयुक्त कार्यालय ने 118 करोड़ रुपये के बड़े जीएसटी (GST) घोटाले का खुलासा करते हुए सोनीपत (Sonipat) स्थित एक कंपनी के प्रमोटर पावेल गर्ग को गिरफ्तार किया है। इस घोटाले में पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़, लुधियाना और जालंधर की कुछ कंपनियां शामिल हैं। सैंट्रल जीएसटी की टीम लुधियाना और जालंधर की संदिग्ध फर्मों की जांच कर रही है।

फर्जी कंपनियों और नकली इनवॉइस
जांच एजेंसियों के अनुसार आरोपी ने फर्जी कंपनियों और नकली इनवॉइस के माध्यम से सरकार को भारी राजस्व नुकसान पहुंचाया। यह मामला हाल के वर्षों में सामने आए बड़े जीएसटी घोटालों में से एक माना जा रहा है। इससे पहले सैंट्रल जीएसटी ने लुधियाना में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि जालंधर के एक सरिया कारोबारी को पूछताछ के बाद छोड़ा गया था।
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सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जीएसटी विभाग को लंबे समय से कुछ संदिग्ध लेन-देन और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दुरुपयोग की शिकायतें मिल रही थीं। जांच के दौरान यह सामने आया कि पावेल गर्ग ने कई फर्जी फर्मों का नेटवर्क खड़ा किया था। इन फर्मों के जरिए बिना किसी वास्तविक माल की खरीद-बिक्री के केवल कागजों पर इनवॉइस जारी किए गए, ताकि अवैध रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया जा सके।

118 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी
जांच अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने योजनाबद्ध तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार किए और जीएसटी नियमों का उल्लंघन करते हुए करोड़ों रुपये का टैक्स हड़प लिया। प्रारंभिक जांच में करीब 118 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है, हालांकि विभाग को आशंका है कि आगे की जांच में यह राशि और बढ़ सकती है।
केंद्रीय जीएसटी आयुक्त कार्यालय की टीम ने गहन जांच और पर्याप्त सबूत जुटाने के बाद पावेल गर्ग को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को सोनीपत के ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पावेल गर्ग को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
संदिग्धों की पहचान करने में जुटी टीम
अधिकारियों का कहना है कि यह घोटाला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं हो सकता। जांच के दायरे में कई अन्य लोग और कंपनियां भी आ सकती हैं, जिन्होंने फर्जी इनवॉइस जारी करने या इस नेटवर्क को संचालित करने में भूमिका निभाई हो। विभाग अब आरोपी से पूछताछ के आधार पर अन्य संदिग्धों की पहचान करने में जुटा है।
जीएसटी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फर्जी इनवॉइस और बोगस फर्मों के जरिए टैक्स चोरी देशभर में एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। ऐसे मामलों से न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान होता है, बल्कि ईमानदार करदाताओं पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ता है। अधिकारी ने कहा कि सरकार टैक्स चोरी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपना रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

सरिया और स्क्रैप कारोबारी के नाम
बताया जा रहा है कि आरोपी ने हरियाणा के साथ साथ पंजाब और हिमाचल में कुछ सरिया कारोबारियों व स्क्रैप डीलरों के साथ मिलकर फर्जी फर्में बनाकर संगठित तरीके से सरकार को चूना सदाया है। पंजाब के जालंधर और लुधियाना में सरिया कारोबारी और हिमाचल में एक सरिया निर्माता की कंपनी को नाम भी सामने आ रहा है।
सरिया और लोहे के कारोबारियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी की गई है। ताकि लेन-देन को वास्तविक दिखाया जा सके। इन फर्मों के बैंक खातों में बड़ी मात्रा में धन का लेन-देन किया गया, जिसे बाद में विभिन्न माध्यमों से निकाला गया। जांच एजेंसियां अब इन खातों और वित्तीय लेन-देन की भी बारीकी से जांच कर रही हैं।
हो सकता है बड़ा खुलासा
स्थानीय व्यापारिक संगठनों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस तरह की धोखाधड़ी से व्यापार जगत की छवि खराब होती है और ईमानदार कारोबारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। संगठनों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित जांच और कठोर सजा सुनिश्चित की जाए।
फिलहाल, पावेल गर्ग न्यायिक हिरासत में है और केंद्रीय जीएसटी विभाग मामले की गहन जांच में जुटा हुआ है। आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। विभाग ने संकेत दिए हैं कि यदि जांच में अन्य लोगों की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।






