Pollution Control Board: जेई, SDO और XEN के खिलाफ FIR, 2.41 करोड़ का जुर्माना भी ठोका

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) द्वारा लंबे समय से प्रदूषण फैलाने के मामले में बोर्ड ने जनस्वास्थ्य विभाग पर कुल 2 करोड़ 41 लाख 50 हजार रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाने की संस्तुति की है।

Daily Samvad
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FIR
Highlights
  • एसटीपी को संचालित करने में भारी गड़बड़ी
  • जेई, एसडीओ और एक्सईएन पर गिरी गाज
  • सरकार के आदेश पर विभाग की बड़ी कार्रवाई
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डेली संवाद, नारनौल। Pollution Control Board action News: कामों में लापरवाही के चलते जेई, एसडीओ और एक्सईएन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को चिट्ठी लिखी गई है। साथ ही इन अफसरों के खिलाफ 2 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाने की संस्तुति भी की गई है। इस कार्रवाई के बाद दफ्तर में हंगामा मच गया है।

नारनौल के रेवाड़ी रोड और महेंद्रगढ़ (Mahendergarh) के डुलाना रोड पर स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) द्वारा लंबे समय से प्रदूषण फैलाने के मामले में बोर्ड ने जनस्वास्थ्य विभाग पर कुल 2 करोड़ 41 लाख 50 हजार रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाने की संस्तुति की है।

एसटीपी का संचालन ठीक से नहीं किया

यह कार्रवाई एसटीपी के सही ढंग से संचालन न होने और दूषित पानी के कारण भूमि व भूमिगत जल प्रदूषित होने के चलते की गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने इस संबंध में बोर्ड के चेयरमैन को पत्र भेजकर जनस्वास्थ्य विभाग से उक्त राशि की वसूली की सिफारिश की है।

Nayab Singh Saini
Nayab Singh Saini

अब इस मामले में अंतिम निर्णय चेयरमैन द्वारा लिया जाएगा। यदि चेयरमैन की ओर से संस्तुति को मंजूरी मिलती है तो संबंधित विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जुर्माने की वसूली की जाएगी।

नोटिस के बाद भी कोई सुधार नहीं

इतना ही नहीं, एसटीपी का संचालन न करने और बार-बार चेतावनी के बावजूद सुधार न होने पर अब जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन, एसडीओ और जेई के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

जानकारी के अनुसार जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा नारनौल के रेवाड़ी रोड पर 7.50 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता का एसटीपी बनाया गया था। हालांकि यह एसटीपी निर्माण के बाद भी लंबे समय से सही तरीके से चालू नहीं हो पाया। प्लांट के बंद या निष्क्रिय रहने के कारण बिना ट्रीट किया गया सीवेज खुले में छोड़ा जा रहा है, जिससे आसपास की भूमि और भूमिगत जल लगातार प्रदूषित हो रहा है।

Big action by the government
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अफसरों पर की गई कार्रवाई

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नारनौल स्थित इस एसटीपी के मामले में जनस्वास्थ्य विभाग पर 1 करोड़ 17 लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना लगाने की संस्तुति की है। यह प्रस्ताव चेयरमैन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेज दिया गया है। मंजूरी मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ औपचारिक कार्रवाई की जाएगी।

इसी प्रकार महेंद्रगढ़ के डुलाना रोड पर स्थित 6.5 एमएलडी क्षमता का दूसरा एसटीपी भी विभाग की लापरवाही का शिकार रहा है। यह एसटीपी 1 सितंबर 2014 को बनाया गया था, लेकिन लंबे समय तक यह वर्किंग में नहीं रहा। कुछ अवधि के लिए जब इसे चालू किया भी गया, तब भी इसका संचालन संतोषजनक नहीं पाया गया।

निकासी स्थल पर सैंपल

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वर्ष 2022 से इस एसटीपी के ट्रीट किए गए पानी की निकासी स्थल पर सैंपल लेने शुरू किए। यह प्रक्रिया 27 अक्टूबर 2025 तक चलती रही। इस दौरान कुल 12 बार सैंपल लिए गए, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि एक भी सैंपल मानकों पर खरा नहीं उतरा। इससे स्पष्ट हुआ कि एसटीपी द्वारा सीवेज का समुचित उपचार नहीं किया जा रहा है।

इस लापरवाही को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई बार कारण बताओ नोटिस जारी किए। बोर्ड द्वारा 16 जनवरी 2023, 17 अप्रैल 2023, 19 फरवरी 2024, 22 अप्रैल 2024, 15 सितंबर 2025, 17 अक्टूबर 2025 और 14 नवंबर 2025 को नोटिस भेजे गए।

Notice
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चार नोटिसों का ही जवाब दिया

हालांकि विभाग की ओर से सात में से केवल चार नोटिसों का ही जवाब दिया गया, जबकि शेष नोटिसों को नजरअंदाज कर दिया गया। बार-बार चेतावनी और अवसर देने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार न होने पर अब क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने डुलाना रोड स्थित एसटीपी के मामले में जनस्वास्थ्य विभाग पर 1 करोड़ 23 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना लगाने की संस्तुति की है।

कुल मिलाकर, दोनों एसटीपी मामलों में बोर्ड द्वारा की गई कार्रवाई यह संकेत देती है कि अब प्रदूषण फैलाने वाले विभागों और अधिकारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में कानूनी कार्रवाई और सख्त हो सकती है।















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महाबीर जायसवाल, डेली संवाद ऑनलाइन में चीफ एडिटर हैं। वे राजनीति, अपराध, देश-दुनिया की खबरों पर दमदार पकड़ रखते हैं। वह 9 सालों से अधिक समय से Daily Samvad (Digital) में चीफ एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने पत्रकारिता करियर की शुरुआत क्राइम की खबरों से की, जबकि उनके पास, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग से लेकर एडिटर तक 25 साल से अधिक पत्रकारिता का अनुभव है। उन्होंने इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी से मास कॉम्यूनिकेशन, बीए और एमए की डिग्री हासिल की है।
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