डेली संवाद, चंडीगढ़। ED News: CBI Registers Disproportionate Assets Case Against ED Officer Vishaldeep and Brother – ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के गंभीर आरोपों में घिरे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के असिस्टेंट डायरेक्टर विशालदीप और उसके भाई विकासदीप की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दोनों भाइयों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कर लिया है। जांच में सामने आया है कि महज नौ महीनों की अवधि में दोनों ने अपनी ज्ञात आय से 231.48 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की।
सीबीआई (CBI) ने 21 अगस्त को इस मामले में प्राथमिक जांच (पीई) शुरू की थी। जांच के दौरान एक मार्च 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक की आय, खर्च और संपत्ति का पूरा ब्योरा खंगाला गया। रिकॉर्ड के अनुसार, एक मार्च 2024 तक विशालदीप और विकासदीप के पास कुल 9.20 लाख रुपये की संपत्ति थी। उस समय विशालदीप के बैंक खाते में केवल 64,150 रुपये और विकासदीप के खाते में 5,01,429 रुपये जमा थे। लेकिन 31 मार्च 2024 तक उनकी संपत्ति बढ़कर 44.44 लाख रुपये पहुंच गई।

नौ महीनों में आय से कई गुना ज्यादा खर्च
सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया कि इन नौ महीनों में दोनों भाइयों की कुल आय 40.28 लाख रुपये रही। इसमें विशालदीप की सैलरी 10.67 लाख रुपये और विकासदीप की सैलरी 12.88 लाख रुपये शामिल थी। इसके अलावा, एक संपत्ति की बिक्री से भी कुछ राशि प्राप्त हुई।
इसके उलट, इसी अवधि में दोनों का कुल खर्च 98.29 लाख रुपये पाया गया। यानी ज्ञात आय और अन्य वैध स्रोतों से हुई कमाई के मुकाबले खर्च और निवेश कहीं अधिक थे। इसी आधार पर सीबीआई ने निष्कर्ष निकाला कि दोनों ने आय से 231.48 प्रतिशत अधिक संपत्ति बनाई है, जिसके बाद अब औपचारिक रूप से आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर लिया गया।
महंगी कारें, फ्लैट और निवेश
जांच के दौरान कई बड़े लेन-देन सामने आए। विकासदीप ने 24.71 लाख रुपये की नई स्कॉर्पियो-एन कार खरीदी, जबकि विशालदीप ने 13.18 लाख रुपये की फॉक्सवैगन वर्टिस कार ली। इसके अलावा, ओमैक्स, न्यू चंडीगढ़ में 97 लाख रुपये का एक फ्लैट खरीदा गया, जिसके लिए 24.84 लाख रुपये की आंशिक भुगतान (पार्ट पेमेंट) की गई।
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विकासदीप ने 35 लाख रुपये का हाउसिंग लोन चुकाया और 7.95 लाख रुपये शेयर मार्केट में निवेश किए। वहीं, विशालदीप ने अपनी दो कारों—कंपास जीप और वर्टिस—की किस्तों के रूप में 2.89 लाख और 1.49 लाख रुपये चुकाए। इसके साथ ही विकासदीप द्वारा होटलों में कमरों की बुकिंग पर 1.49 लाख रुपये खर्च करने की बात भी सामने आई है।

रिश्वत कांड से जुड़ा है पूरा मामला
इस पूरे प्रकरण की जड़ें हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ी हैं। उस समय ईडी में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर तैनात विशालदीप के पास इस घोटाले की जांच थी। आरोप है कि उसने घोटाले में फंसे आरोपितों रजनीश बंसल और भूपेंद्र शर्मा को गिरफ्तारी का डर दिखाकर 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी।
इन आरोपितों ने सीबीआई से शिकायत की, जिसके बाद एजेंसी ने विशालदीप को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। 25 दिसंबर 2024 को पंचकूला और जीरकपुर में ट्रैप लगाया गया। इस दौरान विशालदीप तो फरार हो गया, लेकिन उसका भाई विकासदीप—जो उस समय पंजाब नेशनल बैंक, नई दिल्ली में सीनियर मैनेजर था—सीबीआई के हत्थे चढ़ गया।
गिरफ्तारियां और जांच की टाइमलाइन
- 22 दिसंबर 2024 को सीबीआई ने रिश्वत मामले में एफआईआर दर्ज की।
- 25 दिसंबर 2024 को विकासदीप की गिरफ्तारी हुई, जबकि विशालदीप फरार रहा।
- 8 जनवरी 2025 को विशालदीप को मुंबई से गिरफ्तार किया गया, हालांकि उसे कुछ घंटों बाद जमानत मिल गई।
- 10 जनवरी 2025 को पंचकूला पुलिस ने शिकायतकर्ताओं को धमकाने के आरोप में विशालदीप को फिर से गिरफ्तार किया।
- 21 जनवरी 2025 को सीबीआई ने अपने ही विभाग के डीएसपी बलबीर शर्मा को भी गिरफ्तार किया, जिस पर रिश्वत की रकम में 10 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप है।

23 दिसंबर को केस दर्ज
इसके बाद 21 अगस्त 2025 को आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हुई और 23 दिसंबर 2025 को इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया। सीबीआई का मानना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। आय से अधिक संपत्ति के केस दर्ज होने के बाद अब दोनों भाइयों की कानूनी मुश्किलें और बढ़ना तय मानी जा रही हैं।






