डेली संवाद, चंडीगढ़/जालंधर। Punjab Weather Fog Alert News Update: उत्तर भारत में सर्दी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक धुंध और शीतलहर को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार इस दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे ठंड और अधिक बढ़ेगी।
पंजाब (Punjab) में ठिठुरन बढ़ने के साथ-साथ आम जनजीवन पर भी इसका सीधा असर पड़ने की आशंका है। ठंड बढ़ने के साथ सबसे बड़ी समस्या रात और सुबह के समय धुंध की है। मंगलवार रात को कई इलाकों में विजिबिलिटी घटकर करीब 100 मीटर तक रह गई।

हाईवे पर खड़े वाहन बन रहे खतरा
पंजाब में मौसम का कहर जारी है। कम दृश्यता के कारण खासतौर पर नेशनल हाईवे और मुख्य सड़कों पर चलने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे हालात में सड़क किनारे खड़े वाहन बड़े हादसों को न्योता दे रहे हैं।
बीते दो सप्ताह में नेशनल हाईवे पर सड़क किनारे खड़े वाहनों की वजह से दो लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद हालात में कोई खास सुधार नजर नहीं आ रहा। एक-दो दिन की कार्रवाई के बाद वाहन फिर से सड़कों के किनारे खड़े नजर आने लगते हैं, चाहे वह शहर की मुख्य सड़कें हों या फिर नेशनल हाईवे।

ट्रैफिक पुलिस नहीं कर रही है कार्रवाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक वर्ष के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने अवैध रूप से खड़े वाहनों के खिलाफ कोई ठोस और लगातार अभियान नहीं चलाया। इसी का नतीजा है कि सड़क किनारे वाहन खड़ा करना ड्राइवरों की आदत बन चुका है और अवैध पार्किंग आम बात हो गई है।
मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए आने वाले दिनों में रात और सुबह के समय धुंध और घनी हो सकती है। ऐसे में दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का मानना है कि कम विजिबिलिटी में अगर हाईवे पर वाहन बिना किसी चेतावनी संकेत या रिफ्लेक्टर के खड़े हों, तो पीछे से आने वाले वाहन चालक को समय पर उनका अंदाजा नहीं लग पाता।

हाईवे किनारे खड़े रहते हैं वाहन
बुधवार दोपहर को पठानकोट चौक से लेकर पीएपी चौक तक नेशनल हाईवे का निरीक्षण करने पर कई खामियां सामने आईं। हाईवे पर फोकल प्वाइंट, इंडस्ट्रियल एरिया और गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू के बाहर सर्विस लेन पर बड़ी संख्या में वाहन कतारबद्ध खड़े नजर आए।
रिफ्लेक्टर की कमी
चिंता की बात यह है कि इन खड़े वाहनों पर किसी तरह के रिफ्लेक्टर या चेतावनी संकेत नहीं लगाए गए हैं। धुंध के दौरान ऐसे वाहन लगभग दिखाई ही नहीं देते। ट्रैफिक पुलिस की ओर से सख्ती न होने के कारण वाहन चालक बेखौफ होकर अपने वाहन सड़कों के किनारे खड़े कर देते हैं।
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स्थानीय निवासियों और रोजाना हाईवे से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन को शिकायतें दी गईं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ औपचारिक साबित होती है। कुछ दिन बाद हालात फिर पहले जैसे हो जाते हैं।

प्रशासन से सख्ती की मांग
लोगों का मानना है कि अगर समय रहते ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो ठंड और धुंध के मौसम में हादसों की संख्या और बढ़ सकती है। सड़क किनारे खड़े वाहनों को हटाने, भारी जुर्माना लगाने और रिफ्लेक्टर अनिवार्य करने जैसे कदमों की जरूरत है।
मौसम की मार और प्रशासनिक लापरवाही का यह मेल आम लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि संबंधित विभाग सतर्कता बरतें और हाईवे को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कार्रवाई करें, ताकि ठंड के इस मौसम में किसी और परिवार को अपनों को खोने का दर्द न झेलना पड़े।






