Punjab News: वीबीजी राम जी स्कीम गांवों की गरीब आबादी को रोजगार के उपयुक्त अवसर उपलब्ध कराने से करेगी वंचित- लाल चंद कटारूचक

Muskaan Dogra
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Lal Chand Kataruchakk
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबीजी राम जी स्कीम) एक्ट, 2025 ने गांवों की गरीब आबादी और हाशिए पर रह रहे समुदायों को रोजगार के उपयुक्त अवसर उपलब्ध कराने से वंचित करके उन्हें घातक झटका दिया है।

यह जानकारी आज यहां खाद्य, सिविल सप्लाई, उपभोक्ता मामले, वन एवं वन्य जीव सुरक्षा मंत्री लाल चंद कटारूचक (Lal Chand Kataruchakk) ने पंजाब विधान सभा में कैबिनेट मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद द्वारा वीबीजी राम जी स्कीम संबंधी पेश किए गए प्रस्ताव पर बोलते हुए दी।

खर्चों का बोझ 100 प्रतिशत राज्य सरकार पर पड़ेगा

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि यदि राज्य सरकार नए एक्ट के तहत काम करती है तो नया बजट भारत सरकार द्वारा निर्धारित बजट आवंटन से अधिक होगा और इस स्कीम के लिए किए जाने वाले खर्चों का बोझ 100 प्रतिशत राज्य सरकार पर पड़ेगा।

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पहले मनरेगा योजना में गैर-कुशल मजदूर और प्रशासनिक खर्चे 100 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा कवर करने अनिवार्य थे, इस तरह राज्यों पर केवल एक सीमित वित्तीय बोझ पड़ता था। वीबीजी राम जी स्कीम एक्ट के साथ केंद्र और राज्यों के बीच यह अनुपात 60ः40 में बदल जाता है। यह बदलाव उन राज्यों पर हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डालेगा जो पहले से ही वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा यह बदलाव संघीय ढांचे की भावना के विरुद्ध है।

Lal Chand Kataruchakk
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मनरेगा पंजाब जैसे राज्य में मुख्य रूप से सबसे गरीब ग्रामीण परिवारों को रोजगार का अवसर देता है। पिछले वित्तीय वर्षों में पंजाब में मनरेगा के तहत काम करने वालों की संख्या हर बीते साल के साथ बढ़ी है। ऐसी स्थिति में खेतीबाड़ी सीजन के दौरान 60 दिनों के लिए काम रोकने की व्यवस्था से जॉब कार्ड धारकों, खासकर अनुसूचित जातियों, महिलाओं और भूमिहीन परिवारों की आय पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

निश्चित दैनिक मजदूरी नहीं मिलेगी

इस 60 दिनों की अवधि के दौरान कुशल कामगारों को रोजगार के कुछ अवसर मिल सकते हैं लेकिन उन्हें मनरेगा स्कीम के तहत प्रदान की गई एक निश्चित दैनिक मजदूरी नहीं मिलेगी। कटारूचक ने बताया कि मनरेगा को बंद करने से इस समय के दौरान महिला कामगारों और बुजुर्ग कामगारों के पास रोजगार के कोई विकल्प नहीं होंगे। नतीजे के तौर पर उन्हें न तो उपयुक्त काम के अवसर मिलेंगे और न ही मनरेगा एक्ट के तहत उन्हें दिए गए अधिकार के रूप में गारंटीड दैनिक मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।

मनरेगा में ग्राम पंचायत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत प्रोजेक्ट सीधे तौर पर गांव स्तर पर योजनाबद्ध किए जाते हैं। वीबीजी राम जी स्कीम के तहत राष्ट्रीय स्तर पर एक नेशनल स्टैक की स्थापना से स्थानीय जरूरतों और ग्राम सभा की महत्वता कम हो जाती है, जिससे केंद्रीकरण की स्थिति देखने को मिलेगी।















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मुस्कान डोगरा, डेली संवाद ऑनलाइन में डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं। वे क्राइम, राजनीति और लोकल खबरों पर दमदार पकड़ रखते हैं। वह 4 सालों से अधिक समय से Daily Samvad (Digital) में पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने पत्रकारिता करियर की शुरुआत डेली संवाद से की। उन्होंने हरियाणा के महर्षि दयानंद युनिवर्सिटी से मास कॉम्यूनिकेशन की डिग्री हासिल की है।
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