डेली संवाद, चंडीगढ़/फरीदकोट। Punjab News: गुरप्रीत सिंह हरी नौ (Gurpreet Singh Hari Nau) की हत्या में शामिल होने के कारण आतंकवादी अर्श डल्ला (Arsh Dalla) के दो मुख्य शूटरों की गिरफ्तारी से पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने कम से कम चार संभावित टारगेट किलिंग की कोशिशों को विफल करने के साथ साथ मध्य प्रदेश में हुई हत्या समेत तीन सनसनीखेज अपराधों की गुत्थी सुलझाई है।
यह भी पढ़ें: भारतीय छात्रों को कनाडा का PR लेना हुआ आसान, ये डॉक्यूमेंट दिलाएगा मदद
यह ऑपरेशन राज्य विशेष ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) मोहाली, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) और फरीदकोट जिला पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। यह सफलता इस केस में रेकी मॉड्यूल के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के एक महीने से भी कम समय में हासिल हुई है।
पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है- SSP
फरीदकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) डॉ. प्रज्ञा जैन ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल निवासी भदौड, बरनाला और नवजोत सिंह उर्फ नीतू निवासी निज्जर रोड, खरड़ के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने उनके सहयोगी बलवीर सिंह उर्फ कालू, जो शूटर नवजोत सिंह का भाई है, को भी अपराधियों की मदद करने और अपराध के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्तियों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है।
पुलिस टीमों ने आरोपियों से दो अत्याधुनिक पिस्तौल भी बरामद किए हैं, जिनमें सात जिंदा कारतूसों समेत एक 9 एमएम जीगाना पिस्तौल और चार जिंदा कारतूसों समेत एक .30 बोर पिस्तौल शामिल है। इसके अलावा पुलिस ने उनसे 27,500 रुपये नकद और आरोपियों द्वारा विभिन्न अपराधों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा एक फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किया है।
गोली मारकर के हत्या की
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 9 अक्टूबर 2024 को गुरप्रीत सिंह हरी नौ उर्फ भोडी अपने मोटरसाइकिल हीरो स्प्लेंडर रजिस्ट्रेशन नंबर पीबी-04यू-3258 पर गांव के गुरुद्वारा साहिब से घर लौट रहा था, जब गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई।
एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अर्श डल्ला ने नवजोत उर्फ नीतू को गुरप्रीत सिंह हरी नौ, जो “हरी नौ टॉक्स” के नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाता था, की हत्या करने का काम सौंपा था।
“हरी नौ टॉक्स” के नाम से यूट्यूब चैनल
अर्श डल्ला ने गुरप्रीत हरी नौ के बारे में आवश्यक जानकारी नवजोत उर्फ नीतू से साझा की और उसे इस काम को अंजाम देने के लिए अन्य साथियों को तैयार करने को कहा। उन्होंने बताया कि इस काम को पूरा करने के लिए नवजोत उर्फ नीतू ने अपने साथी अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल को इसमें शामिल किया।
उन्होंने बताया कि अर्श डल्ला ने अपने शूटरों को एक ग्लॉक पिस्तौल समेत गोली-बारूद और मोटरसाइकिल मुहैया कराई थी और 9 अक्टूबर 2024 को दोनों आरोपियों ने गांव हरी नौ में जाकर गुरप्रीत सिंह हरी नौ की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
छिपने के ठिकाने मुहैया कराए गए
एसएसपी ने कहा कि जांच में सामने आया है कि अर्श डल्ला द्वारा दोनों शूटरों को छिपने के लिए ठिकाने मुहैया कराए गए थे। उन्होंने आगे बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी लगातार अपने ठिकाने बदलते रहे, और इस दौरान अमृतसर, एसबीएस नगर, हिमाचल-पंजाब बॉर्डर, चंडीगढ़, मोहाली और खरड़ समेत विभिन्न शहरों में कई ठिकानों पर रुके। अर्श डल्ला ने दोनों शूटरों को हेरोइन और नकद पैसे, जो वे अधिकतर मोहाली में सार्वजनिक स्थानों से प्राप्त करते थे, उपलब्ध कराए।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने अर्श डल्ला के इशारे पर गुरुवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जसवंत सिंह गिल की हत्या भी की थी। यह जिक्र योग्य है कि मारा गया व्यक्ति पहले से ही उम्रकैद की सजा काट रहा था और जब शूटरों ने उसे मारा, वह 15 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया हुआ था।
FIR दर्ज
इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना दाबड़ा, मध्य प्रदेश में बीएनएस एक्ट की धारा 103(1), 3(5) के तहत एफआईआर नंबर 756, तारीख 8/11/24 दर्ज है।
जिक्रयोग्य है कि दोनों आरोपी अपराध को अंजाम देने के बाद मध्य प्रदेश से पंजाब वापस लौटे, जहां उन्हें फरीदकोट पुलिस द्वारा एसएसओसी मोहाली और एजीटीएफ के साथ संयुक्त ऑपरेशन में खरड़ के पास गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा ये आरोपी 18 अक्टूबर को ज़ीरकपुर में हुई गोलीबारी और जबरन वसूली की घटना में भी शामिल थे, जहां आरोपियों ने एक व्यवसायी पर गोली चलाकर उसे धमकी दी थी और उसके मुख्य द्वार पर अर्श डल्ला के नाम का पोस्टर लगाकर गए थे।
उन्होंने बताया कि पास के घर की सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चला कि दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए थे। उन्होंने बताया कि फुटेज में आरोपी गोलीबारी करते और पोस्टर लगाते दिखाई दे रहे हैं। इस संबंध में थाना ज़ीरकपुर में बीएनएस एक्ट की धारा 308, 25, 27 के तहत एफआईआर नंबर 470 दर्ज है।
टारगेट किलिंग की साजिशों को नाकाम किया
डॉ. प्रज्ञा जैन ने बताया कि इस मामले में की गई जांच के दौरान इस गिरोह द्वारा अन्य व्यक्तियों को निशाना बनाने की व्यापक साजिश का पता लगा और इसके बारे में बारीकी से जांच की गई। उन्होंने कहा कि इन आरोपियों की गिरफ्तारी से पंजाब पुलिस ने बड़े शहरों में प्रमुख व्यक्तियों की कम से कम चार संभावित टारगेट किलिंग की साजिशों को नाकाम कर दिया है।
इस संबंध में पुलिस थाना कोटकपुरा में भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (1), 126 (2) और 3 (5) और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत एफआईआर नंबर 159, तारीख 10-10-2024 पहले ही दर्ज है।