डेली संवाद, जालंधर। DIPS: रक्त दान के प्रति देश की युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए हर साल विश्व रक्त दान दिवस मनाया जाता है। इस मौके डिप्स कॉलेज आफ एजुकेशन रड़ा मोड़ में रक्त दो, प्लाजमा दो, जीवन बांटो, बार-बार बांटो थीम पर सेमिनार, पोस्टर मेकिंग कंपीटिशन का आयोजन किया गया।
जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को रक्त दान महत्व के बारे में जानकारी दी गई। बच्चों ने पोस्टर के माध्यम से बताया कि ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट्स के ट्रांसफ्यूजन से हर साल लाखों इंसानों की जान बचाई जाती है। ये उन रोगियों की मदद करने में काम आता है। इस दिन की शुरूआत 2005 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रास और रेड क्रिसेंट सोसायटी द्वारा पहली बार मनाया गया था।
ये भी पढ़ें: जालंधर के प्रमुख उद्योगपति पर युवती ने लगाए शारीरिक शोषण का आरोप
टीचर्स ने बच्चों को रक्त दान से जुड़े कुछ आंकड़ों से अवगत करवाते हुए बताया कि भारत में तकरीबन 46 लाख लोग ही अपनी मर्जी से रक्त दान करते है इनमें से 6 से 10 प्रतिशत महिलाएं है। रक्त दान हमेशा रक्त बैंक में ही दान करना चाहिए क्योंकि जरूरत करने पर वह इसे रोगमुक्त करने रोगी को देते है। लड़कों के साथ लड़कियों को भी आगे आकर रक्त दान करना चाहिए।
ये भी पढ़ें: हनीट्रैप गैंग का पर्दाफाश, महिला को न्यूड कर VIDEO बनाई
प्रिंसिपल डॉ. ज्योति गुप्ता ने युवा पीढ़ी को प्रेरित करते हुए कहा कि लोगों को लगता है कि रक्त दान करने से शरीर में रक्त कम होता है पर रक्तदान से दिल की सेहत में सुधार होता है, वजन कंट्रोल में रहता है। वहीं दूसरी तरफ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का जोखिम कम होता है। इससे शरीर के साथ दिमाग पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।