जालंधर की इस प्राइवेट युनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप घोटाला, 26 शिक्षण संस्थान भी शक के घेरे में, FIR दर्ज

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर/शिमला

एससीएसटी छात्रों की स्कॉलरशिप के करोड़ों रुपए गबन करने वाली जालंधर की निजी यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कसा गया है। निजी युनिवर्सिटी ने करोड़ों रुपए गबन कर चुकी है। इस निजी यूनिवर्सिटी के खिलाफ छोटा शिमला थाना के तहत मामला दर्ज हुआ है। शिक्षा विभाग की तरफ से आरोप लगे हैं कि सरकार ने छात्रवृत्ति को जारी कर दिया था लेकिन यह छात्रवृत्ति जालंधर के इस निजी वि.वि. में पढ़ रहे छात्रों के खाते में नहीं डाली गई है।

बताया जा रहा है कि जिन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंध रखने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए थी, उनकी बजाय इसे किसी अन्य के खाते में डाल दिया गया है। अब यह मामला प्रदेश सरकार जल्द ही सी.बी.आई. को सौंपेगी।इससे पहले सरकार ने मामले को सीधे सी.बी.आई. को भेजना था लेकिन सी.बी.आई. ने सीधे ही मामले को लेने से इंकार कर दिया था। सी.बी.आई. का कहना था कि पहले छात्रवृत्ति घोटाले की किसी नजदीकी थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाए। 

26 से अधिक निजी शिक्षण संस्थान शक के घेरे में

एजुकेशन डिपार्टमैंट द्वारा छात्रवृत्ति घोटाले की करवाई गई विभागीय जांच में कई खुलासे हुए हैं। सूचना के अनुसार सूबे के ही 26 से अधिक निजी शिक्षण संस्थान इस कथित घोटाले को लेकर शक के घेरे में हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार 80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ निजी संस्थानों में बांटा गया जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला।

सी.बी.आई. जांच के तहत उन मुलाजिमों पर भी शिकंजा कस सकती है जिन्होंने अपनी ड्यूटी में कोताही बरती और छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग तक करने की जहमत नहीं उठाई।

5729 छात्रों का पैसा गबन

विभागीय जांच में सामने आया है कि वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई। 250 से अधिक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति 4 ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई।

5,729 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में तो आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है। इस संबंध में एस.पी. शिमला ओमापति जम्वाल का कहना है कि जालंधर की एक निजी यूनिवर्सिटी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। (कंटेट-पंजाबकेसरी)

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