PART-1 : दलित छात्रों के वजीफों पर राजनीति करते रहे नेता, करोड़ों रुपए डकार गई लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU), पढ़ें MLA सुशील रिंकू क्या बोले

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर/शिमला

पंजाब में दलित छात्रों के वजीफों के नाम पर एक तरफ जहां सियासी पार्टियां राजनीति कर रही हैं, वहीं लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) समेत तीन निजी विश्वविद्यालयों ने दलित छात्रों का करोड़ों रुपए खुद डकार लिया है। हिमाचल के छोटा शिमला पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) समेत तीन संस्थानों पर एफआईआऱ दर्ज किया है।

हिमाचल के 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में पहली बार पुलिस ने छोटा शिमला थाने में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया है। सीबीआइ भी इस मामले की जांच में जुटी है, हालांकि सीबीआइ की ओर से अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस ने यह कार्रवाई राज्य परियोजना अधिकारी शक्ति भूषण की शिकायत पर की है, जिसे शिक्षा विभाग ने इस मामले की विभागीय जांच का जिम्मा सौंपा था।

जांच अधिकारी के अनुसार, हिमाचल के कांगड़ा जिले के एक शिक्षण संस्थान, कर्नाटक के वादुखार केंद्र और पंजाब के लवली विश्वविद्यालय के 250 अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था। लेकिन छात्रवृत्ति की यह राशि इन छात्रों को दी ही नहीं गई। बल्कि फर्जी खाते खोलकर दुरुपयोग करते हुए फर्जी छात्रों को दे दी गई। शिमला पुलिस ने अब इसकी जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार को सौंपा है।

सीबीआइ ने भी इस संबंध में कुछ रिकॉर्ड लिया

सीबीआइ ने भी इस संबंध में कुछ रिकॉर्ड लिया है। सीबीआइ ने पिछले दिनों प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर हिमाचल में कोई प्राथमिकी दर्ज है या नहीं। इससे संबंधित कुछ और जानकारी भी मांगी थी। शक के घेरे में 25 से ज्यादा शिक्षण संस्थान : केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्ना छात्रवृत्ति योजनाओं में घोटाला होने के मामले की प्रारंभिक जांच में प्रदेश के 25 से अधिक निजी शिक्षण संस्थान शक के घेरे में हैं।

इसके अलावा छात्रवृत्ति पोर्टल बनवाने वाले अफसर भी शक के दायरे में है। उच्च शिक्षा निदेशालय में गठित जांच कमेटी के सदस्यों के मुताबिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले पोर्टल (ईपास पोर्टल) में कई तरह की खामियां मिली हैं। इन खामियों का लाभ उठाते हुए ही निजी शिक्षण संस्थानों ने फर्जी दाखिला दिखाकर विद्यार्थियों के नाम पर बैंक अकाउंट खोले और सरकारी धनराशि हड़पी है।

शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट में क्या

जांच रिपोर्ट के अनुसार चार साल में 2.38 लाख विद्यार्थियों में से 19,915 को चार मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति जारी की गई। जबकि 360 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति चार ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। 5,729 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में तो आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है।

छात्रवृत्ति आवंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने नियमों को ताक पर रख दिया। वहीं, 2013-14 से लेकर 2016-17 तक शिक्षा विभाग ने किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं की।

क्या है मामला

वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक 924 निजी संस्थानों के छात्रों को 210.05 करोड़ और 18,682 सरकारी संस्थानों के छात्रों को मात्र 56.35 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति दिए जाने का खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि छात्रवृत्ति की कुल रकम का करीब 80 फीसद बजट सिर्फ 11 फीसद निजी संस्थानों के छात्रों को दिया गया है।

आरोप है कि इन संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति की मोटी रकम हड़पी है। इसके चलते जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों को कई साल तक स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई। ऐसे ही एक छात्र की शिकायत पर इस फर्जीवाड़े से पर्दा उठा है।

शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 2013-14 से 2016-17 तक प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तौर पर छात्रों को कुल 266.32 करोड़ दिए गए हैं। इनमें गड़बड़ी पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में हुई है। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में कुल 260. 31 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

शिमला के पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल ने कहा है कि इस संबंध में पुलिस थाना छोटा शिमला में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले में छानबीन शुरू कर दी है।

वहीं, इस संबंध में जालंधर स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के पीआरओ हरप्रीत सिंह से जब डेली संवाद डाट कॉम ने मोबाइल पर बात करना चाहा तो उन्होंने इस संबंध में कोई भी बातचीत नहीं की। फिर भी अगर एलपीयू प्रबंधन की तरफ से अपना पक्ष रखना चाहते हैं तो डेली संवाद डाट काम उसे हूबहू प्रकाशित करेगा।  आखिर किस तरह से चलता है शिक्षा माफिया का रैकेट, पढ़ें PART-2 में

पंजाब में 400 करोड़ का घोटाला, दलितों का हक मारने वाले बख्शे नहीं जाएँगे – रिंकू

जालंधर वेस्ट हलके के विधायक सुशील रिंकू ने कहा है कि दलित छात्रों भविष्य खराब करने वाले शिक्षा माफिया बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि दलितों का हक पर बड़े माफिया डाका डाल रहे हैं। इनके नाम उजागर होने चाहिए। उन्होंने हिमाचल सरकार द्वारा शिक्षा माफिया के खिलाफ दर्ज करवाई गई एफआईआर का स्वागत किया है। रिंकू ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलकर सारे रैकेट के बारे में बताएंगे। जिससे दलित छात्रों का भविष्य खराब करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो सके। 

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