डेली संवाद, नई दिल्ली/टोरंटो। Canada-India News: कनाडा और भारत के तल्ख रिश्ते के बीच अब भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। एएनआई को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर बोला है।
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भारत और कनाडा के मौजूदा राजनयिक संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को पनाह दी हुई हैं। वे सभी सीधे तौर पर कनाडा की राजनीति में शामिल हैं। मुझे लगता है कि यही एक कारण हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचा रहा हैं।
कनाडा दोनों के लिए खतरा हैं खालिस्तानी
उन्होंने कहा है कि यह स्थिति भारत और कनाडा दोनों के लिए खतरा हैं। मेरा मानना है कि जितना यह भारत के खतरा है, उतना ही इससे कनाडा को भी नुकसान होगा। पाकिस्तान में आतंकवाद से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल कर भारत को बातचीत के मेज पर लाता था, यही उनकी नीति रहती थी।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अब हमने उनकी नीति को ही अप्रासंगिक कर दिया है। हम जानते हैं कि अंत में एक पड़ोसी ही पड़ोसी के काम आता हैं। लेकिन हम उन शर्तों के आधार पर बातचीत नहीं करेंगे, जो उनके द्वारा निर्धारित की गई हो।
भारत को विदेशी ताकतें अस्थिर करना चाहती हैं
भारत के विश्वामित्र के तौर पर उभरने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कई विश्व के नेता भारत आना चाहते हैं। जब भी हम विश्वामित्र कहते तो, इसका उदाहरण जी20 है। जी20 से 12 घंटे पहले भी सम्मेलन के घोषणा पत्र को अंतिम रूप नहीं दिया गया था।
सार्वजिक रूप से कई लोग भविष्यवाणी कर रहे थे कि हम विफल हो जाएंगे, जिसका कुछ हिस्सा राजनीति से प्रेरित था। पहले उत्तर-दक्षिण में विभाजन था, वहीं पूर्व-पश्चमि में भी ध्रुवीकरण था। दो भागों में बंटे दुनिया को हमने एक मंच पर आने के लिए मजबूर किया हैं। गौर करने वाली बात ही कि सभी भारत आए, क्योंकि उनके साथ हमारे संबंध थे। भारत का नाम आते ही सभी ने समझौता कर लिया।
यह पूरी तरह से दिमागी खेल
विदेशी मीडिया की भारत के बारे में रिपोर्ट पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह पूरी तरह से दिमागी खेल हैं। मैंने ये भी कभी नहीं कहा कि हम ही परफेक्ट हैं। मैं यह भी नहीं कह रहा हूं कि हमारे पास सुधार की गुंजाइश नहीं है। लेकिन उनके उदेश्य और एजेंडों की बातों को समझिए। वे एजेंडा रहित नहीं हैं, वे उद्देश्यहीन नहीं हैं।
कई विश्व नेता भारत आना चाहते हैं
वे एक निश्चित रेखा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया जो कुछ भी करता है, वो सब सही हो, ऐसा नहीं हैं। मैं कई अन्य लोकतंत्रों पर कह सकता हूं। उन्होंने कहा कि दुनिया हमें अधिक प्रासंगिक रूप में देखती हैं।
कई विश्व नेता भारत आना चाहते हैं। मेरे लिए बतौर विदेश मंत्री यह सबसे बड़ी चुनौती है कि उन्हें ये बताना कि प्रधानमंत्री हर साल दुनिया के हर देश का दौरा नहीं कर सकते हैं। हर कोई देश चाहता है कि वे वहां आएं।
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विभिन्न देशों के नेताओं के साथ पीएम मोदी की केमिस्ट्री और विश्वसनीयता पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जब भी हम देखते हैं कि भारत बढ़ रहा है, तो हमारी रूचियां बढ़ जाती हैं।
हमें और अधिक आकर्षक होने की जरूरत हैं। इस तरह का आकर्षण हो कि सब हमसे कनेक्ट हों। दुनिया के तमाम देश विश्व नेता के तौर पर पीएम मोदी को देखते हैं और यह बात मायने रखती हैं।