डेली संवाद, कनाडा। Canada-India News: आज के समय में पंजाब के लोगों की पहली पसंद कनाडा (Canada) बना हुआ है। पंजाब के ज्यादातर छात्र कनाडा जाकर पढ़ाई करना चाहते है। युवा कनाडा के बेहतरीन संस्थानों से पढ़ने का मौका ढूंढते हैं।
भारतीय स्टूडेंट्स की लिस्ट में सबसे ऊपर कनाडा
पढ़ाई के लिए विदेश जाने की बात आती है तो भारतीय स्टूडेंट्स इस लिस्ट में सबसे ऊपर कनाडा को ही रखते हैं। वहीं भारतीय छात्रों के कनाडा को पंसद करने की कई वजहें हैं। जैसे कि बाकि देशों के मुकाबले सस्ता होना, कागजी औपचारिकताएं आसानी से पूरा होना आदि।
ये भी पढ़ें: डंकी रूट से विदेश जाने का है प्लान, तो ये स्टोरी पढ़कर कांप जाएगी रूह
बता दें कि बेहतर जिंदगी जीने के लिए कनाडा से दूसरी कोई ओर जगह नहीं है। आज के समय में कनाडा को सबसे बेहतर जगह माना जाता है। इसका मुख्य कारण एक और भी है कि यहां के जीवन की गुणवत्ता शानदार होती है।
50% से अधिक वीजा आवेदनों को कनाडा सरकार कर रहा अस्वीकार
वहीं इस बीच एक खबर सामने आ रही है। दरअसल कनाडा मीडिया ने एक रिसर्च की है जिसके अनुसार अंतरराष्ट्रीय छात्रों के 50 फीसदी से अधिक वीजा आवेदनों को कनाडा सरकार अस्वीकार कर रहा है बताया जा रहा है कि इनमे से ज्यादा भारीतय छात्रों के वीजा आवेदन खारिज किए जा रहे है।
ये भी पढ़ें: जालंधर के Board to Abroad के ट्रेवल एजैंट पर महिला ने लगाए सनसनीखेज आरोप
बताया जा रहा है कि आव्रजन अधिकारीयों द्वारा बिना किसी वजह के छात्रों के वीजा खारिज किए जा रहे है जिसके कारण भारतीय छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि जिन बच्चों के वीजा अस्वीकार किए जा रहे है उनमे से कईयों का प्रवेश को पहले से ही वहां की संस्था में प्रवेश मिल चुका है।
शिक्षण संस्थान हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों से रह जाएंगे वंचित
जिसके कारण अब कनाडा के शिक्षण संस्थान हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों से वंचित रह जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार पब्लिक यूनिवर्सिटी की तुलना में पब्लिक कॉलेज और निजी कॉलेजों में प्रवेश के लिए वीजा आवेदनों को सबसे अधिक खारिज किया गया है।
मीडिया संगठन ने किया खुलासा
इस बात का खुलासा कनाडा स्थित एक गैर लाभकारी मीडिया संगठन, इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म फाउंडेशन द्वारा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत से आने वाले लगभग 40 प्रतिशत छात्र वीजा आवेदनों को बिना किसी ठोस कारणों से अस्वीकर किया गया है।
54.3 प्रतिशत वीजा आवेदकों को मिली मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी 2022 और 30 अप्रैल, 2023 के बीच आव्रजन विभाग ने 866,206 अध्ययन वीजा आवेदकों में से 54.3 प्रतिशत या 470,427 आवेदकों को ही मंजूरी दी। पूरी सेकेंडरी शिक्षा प्रणाली की इस बात के लिए आलोचना की जा रही है कि यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों का शोषण कर रही है।