डेली संवाद, मानसा। Punjab News: पंजाब के गांव मूसा से ठेके की 200 पेटी अवैध शराब मिलने पर कर व आबकारी विभाग (Excise Department) मानसा (Mansa) ने 32 ठेकों को सील कर दिया है। विभाग ने इस संबंधी खुल के बताने को तैयार नहीं है, जबकि पंजाब के कई हिस्सों के अलावा विभिन्न राज्यों में नकली शराब पीने से कई लोगों की हुई मौतों उपरांत भी विभाग कुछ बताने को तैयार नहीं।
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इसको लेकर मजदूर किसान जत्थेबंदियों ने 6 जुलाई को मानसा के कर व आबकारी विभाग के दफ्तर का घेराव करने का ऐलान करते मांग की कि यह मामला सी.बी.आई. को सौंप कर इसकी बारीकी से जांच की जाए, ताकि आरोपी पाए जाने वाले व्यक्तियों खिलाफ कार्रवाई की जाए।
200 पेटी शराब नकली होने का शक
जत्थेबंदियों का कहना है कि पकड़ी गई 200 पेटी शराब नकली होने का शक है, लेकिन विभाग इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। उधर, इस मुद्दे को नशा विरोधी अभियान के एक नौजवान ने सोशल मीडिया पर वायरल किया है।
जानकारी के अनुसार कर व आबकारी विभाग मानसा को गांव मूसा से ठेके की 200 पेटी शराब बरामद हुई है, जिसके बाद विभाग ने चुपचाप मानसा के 32 ठेकों को सील कर दिया, लेकिन इस संबंधी किसी तरह की कोई कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया। यह शराब मानसा की एक मशहूर फर्म की बताई जा रही है।
पकड़ी गई शराब ठेके की
विभाग के अनुसार पकड़ी गई शराब ठेके की है, लेकिन जत्थेबंदियों का कहना है कि इस मामले को गोलमाल करके दबाया जा रहा है, जबकि पंजाब अंदर नकली शराब पीने के साथ कई व्यक्तियों की मौत भी हो चुकी है। मानसा के 32 ठेके 3 दिनों के लिए सील कर दिए गए है। यह सारी बातचीत एक नौजवान नेता परमिंदर सिंह ने सोशल मीडिया पर वायरल किया।
मजदूर मुक्ति मोर्च के प्रांतीय नेता भगवंत सिंह समाओं ने कहा कि 6 जुलाई को इस संबंधी मानसा के कर व आबकारी विभाग का घेराव किया जाएगा। पकड़ी गई शराब मामले में विभाग जनतक नहीं कर रहा।
उसको बताना बनता है कि यह शराब कौन सी फर्म, किन व्यक्तियों से पकड़ी गई है। शराब की गुणवता घटिया है या नहीं। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर मानसा के आबकारी विभाग के दफ्तर का घेराव किया जाएगा।
क्या कहते हैं ठेकेदार
दूसरी तरफ संबंधित ठेकेदारों का कहना है कि उनके द्वारा कोई नकली शराब नहीं बेची जा रही थी। कर व आबकारी विभाग के ई.टी.ओ. मनीश गोयल का कहना है कि पकड़ी गई 200 पेटी शराब की है यह शराब ठेके को ही अलॉट हुई है।
उन्होंने कहा कि शराब की बोतलों पर ट्रैक इन ट्रेस कोड व लेबल लगा होता है, जिससे पता चलता है कि शराब ही यह बोतल कहां से चलकर कहां पहुंची है।
इन शराब की बोतलों पर यह ट्रेक इन टरेस साफ किए हुए है और कई बोतलों पर इस लेबल को उतारा हुआ था, जिस कारण विभाग द्वारा इस का चलान करके इस संबंधी विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।