जानिए कौन है DSP समेत 8 पुलिस वालों की हत्या करने वाला दुर्दान्त, किसने दी ‘ब्राह्मण शिरोमणि’ उपाधि

Daily Samvad
4 Min Read

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में यूपी पुलिस के 8 लोगों को मारने वाला विकास दुबे अभी तक फरार है. पुलिस का दावा है कि इस इस मामले में विकास दुबे के दो सहयोगियों को मार दिया गया है. लेकिन बात करें विकास दुबे की तो उस पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं. लेकिन उसको माफिया बनाने में तमाम छोटी-बड़ी सियासी हस्तियां शामिल हैं।

[ads2]

लोग बताते हैं कि उसने उत्तर प्रदेश में सपा, भाजपा और बसपा के कई नेताओं की सरपरस्ती में अपराध का अपना साम्राज्य खड़ा किया है. विकास दुबे के किसी चाहने वाले ने एक फेसबुक पेज पर उसे ‘ब्राह्मण शिरोमणि’ घोषित किया गया है. इसमें उसके 1 हजार फॉलोवर्स हैं. इस फेसबुक पेज पर लगी विकास की तस्वीर को देखकर लगता है कि वह कोई नेता है।

एक मंत्री का भी काफी करीबी माना जाता था

विकास का गांव बिकरू जो आज पुलिस वालों की हत्या की वजह से सुर्खियों में है, यहीं पर 1990 में एक हत्या हुई थी जिसमें उसका नाम आया था. लेकिन बाद में उसके खिलाफ रिपोर्ट वापस ले ली गई। शुरू में विकास ने चौबेपुर विधानसभा इलाके में एक बीजेपी नेता का दामन थामा और दबदबा कायम किया।

बीजेपी सरकार में ही कानपुर से एक मंत्री का भी काफी करीबी माना जाता था. बाद में वो बीएसपी नेताओं का करीबी हो गया. इसके चलते वह लगातार 15 सालों तक अपने गांव का प्रधान बना रहा, 5 साल जिला पंचायत सदस्य रहा और अब उसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं।

विकास दुबे ने साल 2000 में ताराचंद्र इंटर कॉलेज की जमीन पर कब्जा करके उस पर मार्केट बनाने की लिए प्रिंसपल सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या कर दी. इसमें उसको उम्रकैद हुई लेकिन बाद में जमानत पर बाहर आ गया. सिद्धेश्वर पांडेय के बेटे राजेंद्र पांडेय का कहना है कि कहीं भी होता है लोग उससे डरते हैं. उससे हर आदमी दब जाता है. डरने लगता है कि उसके खिलाफ कैसे बोलें।

[ads1]

मंत्री संतोष शुक्ला को गोलियों से भून डाला था

विकास दुबे ने साल 2001 में कानपुर के शिवली थाने में घुसकर बीजेपी सरकार में ही दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला को गोलियों से भून डाला था. इस घटना को याद करते हुए बीएसी नेता अनुभव चक का कहना है कि संतोष शुक्ला के विरोधी गुट के जिसमें बीजेपी के भी लोग शामिल थे, वो विकास दुबे को संरक्षण देते हैं और वह बीजेपी की सरकार होते हुए भी राज्य छोड़कर भाग जाता है और किसी दूसरी जगह पनाह ले लेता है।

पिछले 30 सालों में विकास दुबे ने आतंक की दुनिया में अपनी बड़ी हनक बना ली है और उसके खिलाफ 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इसमें हत्या या हत्या की कोशिश में 20, गैगंस्टर एक्ट में 15, दंगों के 19, एनडीपीएस के 2 और एक बार उस पर एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लग चुका है. बीएसपी नेता और पूर्व प्रत्याशी अनुभव चक का कहना है कि चाहे लोकसभा हो या विधानसभा का चुनाव किसी भी राजनीतिक दल के उम्मीदवार को उसके क्षेत्र से वोट चाहिए तो विकास दुबे के सामने नतमस्तक होना पड़ता था।















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *