डेली संवाद, नई दिल्ली। Bharti Airtel: भारती एयरटेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल विट्टल (Gopal Vittal) ने बुधवार को कहा कि देश के दूरसंचार उद्योग में शुल्क दरें दुनिया के अन्य देशों की तुलना में ‘काफी कम’ है। उन्होंने रिटर्न अनुपात बढ़ाने के लिए शुल्क दरों में बढ़ोतरी की वकालत की यानि कि मोबाइल रिचार्ज महंगा हो सकता है।
यह भी पढ़ें – कनाडा, अमेरिका और यूरोप जाना हो सकता है महंगा
एयरटेल के चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजों के बारे में जानकारी देने के दौरान विट्टल ने कहा कि वह वोडाफोन आइडिया की हाल की पूंजी वृद्धि को देखकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में सक्रिय तीन निजी कंपनियों के साथ देश में लोगों को अच्छी दूरसंचार सेवाएं मिलेंगी।
गोपाल विट्टल ने कहा कि
उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग को वास्तव में जिस रिटर्न की आवश्यकता है, वह शुल्क दर में वृद्धि पर आधारित है। यह वास्तव में आज की समस्या के मूल में है। हमारी कीमत और शुल्क दरें दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से की तुलना में बेहद कम स्तर पर हैं। इसलिए, रिटर्न अनुपात में सुधार के लिए शुल्क दर को बढ़ाना जरूरी है… इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह किस तकनीक से आता है।”
विट्टल ने प्रतिद्वंद्वी वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) के बड़े पैमाने पर कोष जुटाने के बारे में कहा कि वह यह देखकर खुश हैं कि वीआईएल ने पैसा जुटाया है और वह उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।
अगर भारत में तीन कंपनियों हों तो लोगों को अच्छी सेवाएं मिलेंगी
उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारत में तीन कंपनियों हों तो लोगों को अच्छी सेवाएं मिलेंगी… यह हमें ध्यान रखना है कि यह एक अत्यंत प्रतिस्पर्धी बाजार है।” विट्टल ने कहा कि अस्थिर दूरसंचार बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।
‘‘दीर्घकालीन स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए आपको क्रियान्वयन के मामले में अपने काम में शीर्ष पर रहना होगा।” एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि मुख्य रूप से नाइजीरियाई मुद्रा नायरा के अवमूल्यन के कारण मार्च तिमाही में उसका एकीकृत लाभ 31 प्रतिशत घटकर 2,072 करोड़ रुपए रहा।
आलोच्य तिमाही के दौरान सुनील मित्तल (Sunil Mittal) की अगुवाई वाली दूरसंचार कंपनी का एकीकृत आय 4.4 प्रतिशत बढ़कर 37,599.1 करोड़ रुपए रही जो एक साल पहले 36,009 करोड़ रुपए थी।
यह भी पढ़ें -कनाडा में छिपे हैं भारत के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर्स, एक्शन नहीं ले रही ट्रूडो सरकार?
भारती एयरटेल की प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) सालाना आधार पर आठ प्रतिशत बढ़कर 209 रुपए रहा। यह एक साल पहले इसी तिमाही में 193 रुपए था। दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में यह 208 रुपए था।