इस सीजन आलू की खेती में यूपी बनाएगा रिकार्ड

Daily Samvad
4 Min Read
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

cm yogi

डेली संवाद, लखनऊ
“किसान खुशहाल तो प्रदेश खुशहाल”। करीब चार वर्षों से इसी सोच को केंद्र बनाकर योगी सरकार ने किसानों के अधिकतम हित में कई फैसले लिए हैं। सरकार, खेत की तैयारी से लेकर बाजार तक किसान के साथ है। इसी क्रम में इस बार उद्यान विभाग ने गांव-गांव जाकर किसानों को आलू की उन्नत खेती के तौर-तरीकों की जानकारी दी।पिछले सीजन में बाजार भाव अच्छा रहने से किसानों ने इसमें रुचि भी ली। उम्मीद है कि इस बार भी सरकार और किसानों के समन्वित प्रयासों से बंपर पैदावार होगी।

मालूम हो कि यूपी देश का सबसे बड़ा आलू उ‌त्पादक राज्य है। यहां देश के कुल उत्पादन का 35 प्रतिशत आलू पैदा होता है। प्रदेश में करीब 6.1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आलू बोया जाता है। पिछले साल यूपी में 147.77 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ है। यूपी के अलावा, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने के किसान आलू की खेती करते हैं। कुछ साल पहले तक आलू की खेती करने वाले किसानों को आलू के उचित दाम नहीं मिलते थे, लेकिन अब यूपी में आलू की खेती किसानों के लिए पूरी तरह फायदे का सौदा होने लगी है ।

मथुरा के कोसी में पेप्सिको लगाएगी 814 करोड़ की प्रसंस्करण इकाई

किसानों को आलू का वाजिब दाम मिले इसके लिए बहुराष्ट्रीय फूड एवं बेवरेज कंपनी ‘पेप्सिको’ प्रदेश में 814 करोड़ रुपये के निवेश से एक नवीन (ग्रीनफील्ड) आलू चिप्स उत्पादन इकाई स्थापित करने जा रही है। यह इकाई कोसी-मथुरा में राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा उपलब्ध कराई गई करीब 35 एकड़ जमीन पर स्थापित की जाएगी। अगले वर्ष 2021 में शुरू होने वाली इसमें 1,500 लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोज़गार मिलेगा। ऐसा पहली बार है कि पेप्सिको द्वारा उत्तर प्रदेश में स्वयं एक ग्रीनफील्ड परियोजना की स्थापना की जा रही है।

उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। प्रदेश में करीब 58 प्रतिशत जनसंख्या पर कृषि पर निर्भर है। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का राज्य सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 26 फीसद ही है। इस आंकड़े के आधार पर ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद राज्य में कृषि उत्पादन में इजाफा करने और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए तमाम फैसले लिए।

31 अक्तूबर तक इसकी बुआई पूरी करवाई

किसानों के कर्ज को माफ़ करने के साथ ही सरकार ने किसानों को नई तकनीक के आधार पर खेती करने के लिए कृषि और उद्यान विभाग के अफसरों को गांव गांव भेजा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कृषि और उद्यान विभाग के अफसरों को कृषि उत्पादन में इजाफा करने के लिए किसानों की सहायता करने का निर्देश भी दिया। मुख्यमंत्री के ऐसे निर्देशों के चलते ही इस बार उद्यान विभाग के अफसरों ने गांव-गांव गए और किसानों से सामन्जस्य बनाकर तय समय सीमा में 31 अक्तूबर तक इसकी बुआई पूरी करवाई।

बोआई में रखा गया इन बातों का खयाल

कंद का वजन 50 ग्राम। लाइन से लाइन की दूरी 28 इंच। बीज की गहराई 9 इंच। प्रति एकड़ एक कुंतल की दर से एनपीके और 50 किग्रा यूरिया का प्रयोग तय किया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक वैज्ञानिक तरीके से बोआई और संतुलित उर्वरकों के प्रयोग से अगले साल प्रदेश आलू की उ‌त्पादकता के मामले में पहले स्थान पर पहुंच जाएगा। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में आलू की उ‌त्पादकता 24.22 टन प्रति हेक्टेयर है। अगले वर्ष इसके 30.00 टन प्रति हेक्टेयर तक पहुंचाने की उम्मीद है।















Share This Article
Follow:
महाबीर जायसवाल, डेली संवाद ऑनलाइन में चीफ एडिटर हैं। वे राजनीति, अपराध, देश-दुनिया की खबरों पर दमदार पकड़ रखते हैं। वह 9 सालों से अधिक समय से Daily Samvad (Digital) में चीफ एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने पत्रकारिता करियर की शुरुआत क्राइम की खबरों से की, जबकि उनके पास, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग से लेकर एडिटर तक 25 साल से अधिक पत्रकारिता का अनुभव है। उन्होंने इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी से मास कॉम्यूनिकेशन, बीए और एमए की डिग्री हासिल की है।
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *