डेली संवाद, जालंधर
जालंधर के महाठग के बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे। यह महाठग इतना शातिर है कि शहर में खाली पड़ी एनआरआईज की जमीनों पर गिद्ध नजर रख कर उसे खाकी और खादी के साथ मिलकर अपने लोगों के नाम पावर आफ अटार्नी करवाता है, फिर उसे अपने किसी दूसरे नाम के व्यक्ति को रजिस्ट्री करवाता है। इस पूरे खेल में एक झटके में करोड़ों रुपए अंदर कर जाता है।
चूंकि करोड़ों रुपए महाठगी में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और राजस्व महकमे के कुछ अधिकारी काम करते हैं, जिन्हें क्षेत्र के बड़े नेता संरक्षण देते हैं, एसे में पीड़ित को न्याय मिल पाना बहुत मुश्किल है। एक ऐसा ही केस जालंधर की एक एनआरआई महिला का है। जिसे इस महाठग ने खून के आंसू रुला दिया।
हैरानी की बात तो यह है कि करोड़ों रुपए के इस फ्राड को पुलिस का एक अधिकारी सुलह करवाने के नाम पर लाखों डकार गया। राजस्व विभाग का अधिकारी साफ बच गया। फर्जी रजिस्ट्री और पावर आफ अटार्नी करवाने वालों को बचा लिया गया। मामला कोर्ट में पहुंचा तो जज ने पुलिस की जांच को कठघरे में खड़ा कर दिया। पुलिस को महाठग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए, लेकिन पुलिस एफआईआर दर्ज करने से गुरेज कर रही है। कौन है ये महाठग? कौन है इस पूरे खेल में शामिल? कहां की है जमीन? कौन है NRI महिला? कल पढ़ें डेली संवाद पर बड़ा खुलासा।
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