दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत, लिस्ट तैयार

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़/नई दिल्ली
पंजाब (Punjab) में कांग्रेस के अंदरखाने मचा घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPC) में कैप्टन विरोधी खेमा हो या खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह हर खिलाड़ी पूरे दमखम के साथ मैदान में डटा है। इस मामले से जुड़े लेकर लेटेस्ट अपडेट की बात करें तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से बिना मिले ही वापस पंजाब वापस लौट आए हैं।

इस मामले में राहुल गांधी से मिलने के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू को जल्द दिल्ली बुलाया जायेगा। और इस मामले को देख रही कमेटी सिद्धू से भी बात करेगी। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सभी मामलों को साफ करेंगे। हरीश रावत ने ये भी कहा कि सोनिया गांधी इस मामले का समाधान निकाल लेंगी।

कैप्टन की नाराजगी या आलाकमान की अनदेखी?

इस अपडेट से पहले कैप्टन के आलाकमान से बिना मिले पंजाब लौटने को लेकर कई तरह के कयास लग रहे थे। मसलन इसे कैप्टन की नाराजगी माना जाए या फिर आलाकमान की अनदेखी? क्या आलाकमान के पास कैप्टन से मिलने का समय नहीं है या अभी कैप्टन को दिल्ली दरबार में दोबारा हाजिरी के लिए आना होगा।

हालांकि दिल्ली के सियासी गलियारों में घूम रहे इन सवालों का जवाब अभी आना बाकी है लेकिन ये बात और साफ हो गई है कि पंजाब कांग्रेस की टीम का हर बड़ा चेहरा वर्चस्व की लड़ाई में खुद को मजबूत और आगे बताने से पीछे नहीं है। आपको बता दें कि पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझाने के लिए बनी तीन सदस्यीय कमेटी के आगे मंगलवार को कैप्टन दोबारा पेश हुए थे कैप्टन। वहीं सूत्रों के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू के बयानों से काफी नाराज बताए जा रहे है।

क्या पंजाब कांग्रेस में बड़ा बदलाव होना है?

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पंजाब कांग्रेस में बड़े बदलाव की अटकलें लग रही है। वहीं सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान दी जा सकती है? या फिर कोई और बनेगा पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा। कमेटी के सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान था कि पंजाब में राहुल सोनिया के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। ये संकेत कैप्टन के लिहाज़ से ठीक नहीं है। क्योंकि 2017 का चुनाव कैप्टन के नेतृत्व में लड़ा गया था।















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