इंस्पैक्टर और ATP की आखिर क्या मजबूरी है, जो अवैध बने R1 होटल पर एक्शन नहीं कर पाए, आखिर MTP और कमिश्नर डिमोलेशन की क्यों नहीं दे रहे हैं मंजूरी? पढ़ें बड़ी खबर

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर
नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच में फाइलों को दबाने का खेल चल रहा है। बीएसएफ कालोनी के पास बने R1 होटल पर कार्रवाई के लिए एटीपी वजीर राज ने एमटीपी से अनुमति के लिए पत्र लिखा था, जिसे कमिश्नर आफिस में भेजा गया, लेकिन इसकी परमीशन पिछले कई दिनों से नहीं दी जा रही है।

नगर निगम के सूत्र बताते हैं कि आरटीआई एक्टविस्ट रवि छाबड़ा की शिकायत के बाद एटीपी वजीर राज समेत इंस्पैक्टर और अन्य अफसर खुद की खाल बचाने में जुट गए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि अवैध रूप से पूरा होटल बन गया, लेकिन इलाके के इंस्पैक्टर और एटीपी की इस पर नजर नहीं पड़ी। अब जब कार्रवाई के लिए फाइल बनी है, तो फाइल ही दबा दी गई।

एक अफसर ने करीब 5 लाख रुपए वसूल किए

नगर निगम के एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त बताया है कि इस होटल को बनवाने की एवज में निगम के ही एक अफसर ने करीब 5 लाख रुपए वसूल किए हैं। जिससे अब इसकी फाइल दबाई जा रही है। फिलहाल इस मसले पर एमटीपी मेहरबान सिंह ने कहा है कि इस होटल पर कार्रवाई के लिए कमिश्नर से परमीशन मांगी गई है।

आपको बता दें कि इस अवैध होटल में न तो पार्किंग के लिए जगड़ छोड़ी गई है और न ही किसी बिल्डिंग बायलाज के नियमों की पालना की गई है। उधर, बीएसएफ कालोनी के इस अवैध होटल की राजकुमार ने मुख्यमंत्री कार्यालय को भी शिकायत भेजी है। राजकुमार ने मांग किया है कि अवैध होटल को बनवाने वाले इंस्पैक्टर, एटीपी, एमटीपी समेत निगम के अन्य अफसरों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

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