डेली संवाद, अमृतसर। Punjab News: पंजाब का भूजल अब पीने योग्य नहीं रहा। कई जिलों का पानी आपको बीमार कर सकता है। इतना ही नहीं, कई जिलों के पानी में घातक धातु का मिश्रण है, जो आपको कैंसर (Cancer) दे सकता है।
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केंद्रीय राज्य जल शक्ति मंत्री राज भूषण चौधरी ने संसद में जालंधर (Jalandhar) के नवनिर्वाचित सांसद चरणजीत सिंह चन्नी (MP Charanjit Singh Channi) के सवाल पर दी है।

भूजल अब पीने योग्य नहीं रहा
रिपोर्ट से साफ साबित होता है कि पंजाब के ज्यादातर जिलों का भूजल अब पीने योग्य नहीं रहा। मंत्री के मुताबिक भूजल के नमूनों में नाइट्रेट, आयरन, आर्सेनिक, सेलेनियम, क्रोमियम, मैंगनीज, निकल, कैडमियम, लेड और यूरेनियम जैसे खतरनाक तत्वों की मिलावट देखी गई।
यह भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय की गई अनुमेय सीमा से कहीं ज्यादा था। यह सिर्फ सरकार द्वारा लिए गए नमूनों पर आधारित रिपोर्ट नहीं है। यह बात गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ द्वारा पिछले दिनों किए गए शोध में भी साबित हुई है।
भूजल को जहरीला होने से रोकने की जरूरत
रिपोर्ट के अनुसार, जहरीले तत्वों की मौजूदगी से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। इसमें यूरेनियम, लेड, निकल और मैंगनीज के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों पर जोर दिया गया है। इस समस्या का जल्द समाधान जरूरी है, नहीं तो पंजाब बड़ी समस्याओं से घिर सकता है।
जानें किस जिले में क्या है समस्या-
- केंद्रीय भूजल बोर्ड के 2023 के आंकड़ों से पता चला है कि मानसा, फरीदकोट और संगरूर जिलों में आर्सेनिक का स्तर निर्धारित सीमा से बहुत अधिक हो गया है।
- भटिंडा, फिरोजपुर और मुक्तसर में भूजल में लेड (सीसा) पाया गया।
- फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना, पटियाला और संगरूर में कैडमियम का स्तर अधिक था।
- भटिंडा, मानसा और संगरूर में क्रोमियम का स्तर अधिक है।
- भटिंडा, मोगा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, लुधियाना, मुक्तसर, पटियाला और संगरूर में यूरेनियम युक्त भूजल पाया गया।
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