CM भगवंत मान ने अफसरों को दिए आदेश, कहा- राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जल स्रोत और वन विभागों को उचित स्थान तलाशे

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जल स्रोत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को हिदायत करते हुये कहा कि मानसून की शुरूआत से पहले-पहले राज्य भर में बाढ़ों के लिए संवेदनशील या दरिया टूटने की संभावनाओं वाले स्थानों पर सफ़ाई और बाढ़ रोकथाम कार्य शुरू कर दिए जाएँ।

राज्य की समूची सिंचाई और ड्रेनेज प्रणाली विशेष करके घग्गर दरिया और इसकी सहायक नदियों का जायज़ा लेने के लिए आज प्रातःकाल यहाँ मुख्यमंत्री की सरकारी रिहायश में हुई मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये श्री भगवंत मान ने मुख्य इंजीनियर ड्रेनेज को पुलों के निचले जल मार्गों की उचित सफ़ाई और जमा हुई कीचड़ के ढेरों को हटाने के लिए उचित तरीके अपनाने के लिए कहा।

प्रोजैक्ट के लिए 67 लाख रुपए

इसके अलावा भारी बारिश के दौरान अक्सर दरियाओं ख़ास तौर पर घग्गर दरिया में बाढ़ों की संभावना वाले संवेदनशील स्थानों को मज़बूत करने की भी ताकिद की। मुख्य इंजीनियर ड्रेनेज ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को बताया कि इस प्रोजैक्ट के लिए 67 लाख रुपए की राशि पहले ही मंज़ूर की जा चुकी है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जल स्रोत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को यह भी कहा कि मानसून सीजन की शुरूआत से पहले ही बाढ़ रोकथाम कामों को जंगी स्तर पर मुकम्मल किया जाये जिससे लोगों को बाढ़ों के कहर से बचाया जा सके। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव को स्पष्ट किया कि राज्य के सभी डिप्टी कमिशनरों के साथ पूरा तालमेल करते हुये राज्य भर में चल रहे बाढ़ रोकथाम कामों की नियमित तौर पर निगरानी की जाये।

मज़बूत प्रणाली की महत्ता पर ज़ोर

राज्य में बाढ़ों के कारण मानवीय जिंदगीयाँ, पशु धन, जायदादें और खड़ी फसलों के हुए भारी नुक्सान पर गहरी चिंता ज़ाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने विभाग को लोगों की जान-माल की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए जिससे राज्य में पिछले समय के दौरान आयी बाढ़ों की तरह कोई दुर्घटना या दुखद घटना फिर न घटे। उन्होंने सभी ज़रुरी कामों को समय पर पूरा करने के साथ-साथ आगामी चेतावनियां जारी करने वाली मज़बूत प्रणाली की महत्ता पर ज़ोर दिया।

मुख्यमंत्री ने जल स्रोत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को वाटर फ्रंट विकसित करने के लिए साईटों (स्थानों) की शिनाखत करने के निर्देश दिए जिससे वाटर स्पोर्टस को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करके पर्यटन की और संभावनाओं का अन्य सुचारू ढंग से लाभ लिया जा सके। उन्होंने वन विभाग को इकौ-टूरिज़्म को उत्साहित करने के लिए अधिक से अधिक मौके तलाशने के लिए भी कहा।

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