Jalandhar Smart City Scam: चौकों के सौंदर्यीकरण के नाम पर खर्च किए गए 8 करोड़, MLA की शिकायत के बाद निगम इंजीनियर वेरीफिकेशन में जुटे, धांधली आई सामने

Daily Samvad
4 Min Read
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar Smart City Scam: जालंधर स्मार्ट सिटी के प्रोजैक्ट लीडर लखविंदर सिंह के इस्तीफा स्वीकार करने रके बाद जांच शुरू हो गई है। इसकी शिकायत खुद विधायक रमन अरोड़ा ने स्थानीय निकाय मंत्री से की थी। पता चला है कि स्मार्ट सिटी के 21 करोड़ रुपए से शहर के चौकों का सौंदर्यीकरण और विकास काम शुरू हुआ था, जिसे सांसद को पसंद नहीं आया। इसके बाद इस काम को बंद करने का कहा गया, लेकिन तब 8 करोड़ रुपए के काम होने की रिपोर्ट भी लगी दी गई।

अब पता चला है कि 21 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट में से 5 करोड़ रुपए का ही काम हुआ है, बाकी 3 करोड़ रुपए का अता-पता नहीं है। इसका खुलासा उस समय हुआ, जब सरकार बदलने के बाद नगर निगम के कुछ इंजीनियरों ने बिल पर साइन करने से मना कर दिया। सूत्र बता रहे हैं कि स्मार्ट सिटी की तरफ से कहा जा रहा है कि ये 8 करोड़ का काम कर चुके हैं, लेकिन इसकी फिजीकल वेरीफेकशन में 5 करोड़ के ही काम सामने आ रहे हैं, जिससे 3 करोड़ रुपए की धांधली पकड़ में आ रही है।

इसे भी पढ़ें: स्मार्ट सिटी के लखविंदर बर्खास्त, अब कुलविंदर और उनके ‘चेले’ पर गिरेगी गाज

आपको बता दें कि शहर के चौकों के सौंदर्यीकरण औऱ विकास के लिए स्मार्ट सिटी की तरफ से 21 करोड़ का प्रोजैक्ट एएस धालीवाल, कुलविंदर सिंह और लखविंदर सिंह ने मिलकर बनाया था। इस प्रोजैक्ट पर काम शुरू हुआ, लेकिन तय डिजाइन के हिसाब से काम नहीं किया जा रहा था, जिस पर सांसद ने आपत्ति जताई, इसके बाद काम रोक दिया गया। लेकिन तब तक दावा किया गया कि 8 करोड़ रुपए के काम हो चुके हैं।

इस मुद्दे को विधायक रमन अरोड़ा ने स्थानीय निकाय मंत्री इंदरबीर सिंह निज्जर के सामने उठाया था। उन्होंने कहा कि चौकों के सौंदर्यीकरण में व्यापक स्तर पर धांधली हुई है। इसके बाद स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि इसकी जांच करवाएंगे। हालांकि स्मार्ट सिटी के अधिकारी इसे मैनेज करने में लगे हुए हैं।

निगम का भट्ठा बैठाने वालों को स्मार्ट सिटी की कमान

जालंधर स्मार्ट सिटी बारे केंद्र सरकार तक जो फीडबैक पहुंचाया जा रहा है, उसमें अफसरों की भर्तियों संबंधी स्कैंडल भी शामिल है। आरोप है कि चंडीगढ़ में पूरी तरह सैटिंग करने के बाद नगर निगमों से रिटायर हुए अधिकारियों को स्मार्ट सिटी में भर्ती कर लिया गया। जिन अधिकारियों पर निगम में रहते करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे, उन्हें दोबारा मलाईदार पदों पर नौकरी दे दी गई।

उन्होंने स्मार्ट सिटी में भी निगमों जैसा माहौल पैदा कर दिया और अपने चहेते ठेकेदार फिट करके खूब गोलमाल किया। अफसरों ने सवा सवा लाख वेतन तो लिया पर कभी साइट विजिट नही की जिस कारण ज्यादातर प्रोजेक्टों में जमकर घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ। आपको बता दें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार की प्रतिनिधि साध्वी निरंजन ज्योति ने स्मार्ट सिटी जालंधर से जुड़े कामों का निरीक्षण किया। उन्होंने भी धांधली के आरोप लगाए हैं।

पंजाब का रहस्यमयी साधू, जिसका शरीर 8 साल से फ्रीजर में रखा है

https://www.youtube.com/watch?v=BCLTjeZ5eVY















Share This Article
Follow:
महाबीर जायसवाल, डेली संवाद ऑनलाइन में चीफ एडिटर हैं। वे राजनीति, अपराध, देश-दुनिया की खबरों पर दमदार पकड़ रखते हैं। वह 9 सालों से अधिक समय से Daily Samvad (Digital) में चीफ एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने पत्रकारिता करियर की शुरुआत क्राइम की खबरों से की, जबकि उनके पास, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग से लेकर एडिटर तक 25 साल से अधिक पत्रकारिता का अनुभव है। उन्होंने इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी से मास कॉम्यूनिकेशन, बीए और एमए की डिग्री हासिल की है।
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *