Punjab News: पंजाब की खस्ताहाल सड़कों की रिपेयर के लिए CM ने दिए 692 करोड़ रुपए

Daily Samvad
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CM Bhagwant Mann

डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज पंजाब मंडी बोर्ड को राज्य की 4465 किलोमीटर ग्रामीण सडक़ों को चौड़ा करने, अपग्रेड और मज़बूत करने के लिए विशेष मुहिम शुरू करने को हरी झंडी दे दी है। इस सम्बन्धी फ़ैसला मुख्यमंत्री ने आज यहाँ अपने सरकारी आवास पर बोर्ड की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए लिया।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने 692 करोड़ रुपए की लागत से 4465 किलोमीटर सडक़ की मरम्मत करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि राहगीरों की सुविधा के लिए ग्रामीण सडक़ के नेटवर्क को मज़बूत करना समय की मुख्य ज़रूरत है। भगवंत मान ने कहा कि यह सडक़ें उच्च गुणवत्ता के नियमों की पालना करते हुए बनाई जानी चाहीए हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि इसमें किसी भी किस्म की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हरी पट्टी विकसित करने की मंजूरी

पंजाब को साफ़-सुथरा, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से और महत्वपूर्ण फ़ैसले में मुख्यमंत्री ने 1000 किलोमीटर से अधिक सडक़ों के साथ-साथ हरी पट्टी विकसित करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने पंजाब मंडी बोर्ड को इन सडक़ों के आस-पास दो लाख पौधे लगाने और इसके बाद दो सालों तक इसकी देखभाल करने को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा।

मुख्यमंत्री ने एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (आई.एम.एस.) और मंडी प्रबंधन प्रणाली समेत बोर्ड की नई पहलों का भी जायज़ा लिया, जिससे जालसाज़ी के लिए दस्तावेज़ों की नकल तैयार किए जाने पर दस्ती कार्य की व्यवस्था ख़त्म करने और फ़ीसों की वसूली को और प्रभावशाली बनाने के लिए एस्टेट मैनेजमेंट सिस्टम, अकाऊंट्स मैनेजमेंट सिस्टम और ई-नेम और ऐगमार्कनेट के साथ एकीकृत किया जा सके।

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इसी दौरान मुख्यमंत्री ने कर्मचारी की हाजिऱी, ई-सेवाओं जैसे कि लाइसेंस प्रबंधन, संपत्ति के प्रबंधन, मंडी प्रबंधन, शिकायतें और सुझाव, अपनी/किसान मंडी, एक्ट/नियम की मुख्य विशेषताओं से लैस एंड्रोयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर बोर्ड द्वारा विकसित की गई ई-पी.एम.बी. प्रणाली की भी सराहना की।

भगवंत मान ने एम.डी.एफ. और आर.डी.एफ. की ऑनलाइन वसूली के लिए ई-पेमेंट गेटवे, प्रॉपर्टीज़ की ई-नीलामी, मंडियों और ग्रामीण रोड नेटवर्क की ड्रोन मैपिंग, सभी फसलों के लिए आई-एचआरएम व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक एन.एफ.सी. जैसे बेमिसाल कदमों की भी सराहना की।

किसानों का डिजिटल रूप से सशक्तिकरण

इसी तरह अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए आई-कार्ड, मार्केट कमेटियों के बजट को ऑनलाइन जमा करवाने और मंजूरी देने, किसान के डिजीलॉकर (एक डिजिटल दस्तावेज़ वॉलेट) में और उसके वाट्सऐप पर सभी किस्मों की फसलों के लिए जे. फॉर्म उपलब्ध करवाकर किसानों का डिजिटल रूप से सशक्तिकरण किए जाने का जि़क्र किया गया।

मुख्यमंत्री ने बोर्ड के इस प्रयासों की भी सराहना की कि 12.35 लाख किसानों की आधार नंबर आधारित ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पहले ही की जा चुकी है और 48,255 लाभार्थियों को 10 लाइसेंस ऑनलाइन जारी किए जा चुके हैं। इस मौके पर कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणु प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास सरवजीत सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत और अन्य भी उपस्थित थे।

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