डेली संवाद, नई दिल्ली। Ban On Crackers: दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देने वाली बीजेपी नेता मनोज तिवारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेनी चाहिए, मिठाई पर अपना पैसा खर्च करना चाहिए। मनोज तिवारी के वकील ने निकट दिवाली का हवाला देते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की थी। तिवारी ने 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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याचिका में कहा गया है कि जीवन के अधिकार के बहाने धर्म की स्वतंत्रता नहीं छीनी जा सकती। मनोज तिवारी ने सरकार से पटाखों की बिक्री, खरीद और फोड़ने के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की। उन्होंने सामान्य प्रतिबंध पर सवाल उठाया, जब सुप्रीम कोर्ट ने खुद हरे पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी।
भाजपा सांसद ने यह भी मांग की कि सभी राज्यों को आगामी त्योहारी सीजन के दौरान पटाखे बेचने या इस्तेमाल करने वाले आम लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने जैसी कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया जाए। दिल्ली में 2020 से दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध है। इसके अलावा पिछले साल हरियाणा ने अपने 14 जिलों में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। हालांकि पाबंदियों के बावजूद दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में लोगों ने देर रात तक पटाखे फोड़े थे।
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दिल्ली में दिवाली पर पटाखों पर 6 महीने तक की जेल और 200 रुपए जुर्माना हो सकता है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के तहत 5000 रुपये तक का जुर्माना और 3 साल कैद की सजा हो सकती है।
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