Maa Katyayani: कौन हैं देवी कात्यायनी, जानिए इनके बारे में

Daily Samvad
3 Min Read
Maa Katyayani

डेली संवाद, चंडीगढ़। Maa Katyayani: शास्त्रों में माता षष्ठी देवी को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया है। इन्हें ही मां कात्यायनी (Maa Katyayani) भी कहा गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि के दिन होती है। षष्ठी देवी मां को ही पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में स्थानीय भाषा में छठ मैया कहते हैं। छठी माता की पूजा का उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी मिलता है।

ये भी पढ़ें: पंजाब में रेत की नई कीमत तय, जाने क्या है नया भाव

महर्षि कात्यायन ने भगवती जगदम्बा की कई वर्षों तक कठिन तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर जगदम्बा ने कात्यायन ऋषि की इच्छानुसार उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लेकर महिषासुर का वध किया था।। कात्यायन ऋषि को विश्वामित्रवंशीय कहा गया है। स्कंदपुराण के नागर खंड में कात्यायन को याज्ञवल्क्य का पुत्र बतलाया गया है। उन्होंने ‘श्रौतसूत्र’, ‘गृह्यसूत्र’ आदि की रचना की थी।

विजयादशमी का पर्व माता कात्यायिनी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने के कारण मनाया जाता है जो कि श्रीराम के काल के पूर्व से ही प्रचलन में रहा है। इस दिन अस्त्र-शस्त्र और वाहन की पूजा की जाती है।

ये भी पढ़ें: जालंधर में पादरी के घर से मिला 2 करोड़ कैश

मां दुर्गा की छठी विभूति हैं मां कात्यायनी। शास्त्रों के मुताबिक जो भक्त दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं मां की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है। कात्यायनी माता का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है।

भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी यमुना तट पर की थी। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।

भगवान राम और श्रीकृष्ण ने युद्ध के पूर्व माता कात्यायिनी की पूजा करने उनसे विजयश्री का आशीर्वाद प्राप्त किया था। अर्जुन ने श्रीकृष्‍ण की सलाह पर ही महाभारत के युद्ध के पूर्व माता कात्यायिनी की पूजा की थी।

उत्तरप्रदेश के मथुरा के निकट वृंदावन के भूतेश्वर स्थान पर माता के गुच्छ और चूड़ामणि गिरे थे। इसकी शक्ति है उमा और भैरव को भूतेश कहते हैं। यहीं पर आद्या कात्यायिनी मंदिर, शक्तिपीठ भी है जहां के बारे में कहा जाता है कि यहां पर माता के केश गिरे थे। वृन्दावन स्थित श्री कात्यायनी पीठ ज्ञात 51 पीठों में से एक अत्यन्त प्राचीन सिद्धपीठ है।

पंजाब में रेत की नई कीमत तय, CM भगवंत मान ने किया बड़ा ऐलान, देखें VIDEO














Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *