डेली संवाद, नई दिल्ली। Dancing On The Grave: जुर्म और कत्लेआम की असल दुनिया पर कई वेब सीरीज और फिल्में बन चुकी हैं, जो ओटीटी पर मौजूद हैं। बुराड़ी कांड से लेकर नागपुर में 2004 में कोर्टरूम में हुए मर्डर समेत सीरियल किलर चंद्रकांत झा पर भी डॉक्यू सीरीज बनाई गईं, जिन्होंने लोगों के होश उड़ा दिए थे। अब एक नई डॉक्यू सीरीज आ रही है, जिसका नाम है ‘डांसिंग ऑन द ग्रेव’ (Dancing On The Grave)।
इसमें चार बेटियों की मां की हत्या की ऐसी कहानी है, जिसे जानकर रूह तक कांप उठेगी। मेकर्स ने इसका ट्रेलर रिलीज कर दिया है। ‘डांसिंग ऑन द ग्रेव’ को अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम किया जाएगा। यह सीरीज 90 के दशक में मैसूर राजघराने के पूर्व दीवान की पोती शाकिरा खलीली की हत्या पर आधारित है। 32 साल पहले (1991) हुआ यह एक ऐसा हत्याकांड था, जिसने उस वक्त खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
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जिसने भी सुना, उसकी रूह कांप उठी थी। पति, बीवी को जिंदा दफ्न कर उसकी कब्र पर खूब नाचता और पार्टियां करता था। अब उस हत्याकांड को ‘डांसिंग ऑन द ग्रेव’ के जरिए एक बार फिर ताजा किया जा रहा है। इसमें शाकिरा केस से जुड़े लोगों के बयान और कुछ राज भी दिखाए जाएंगे। ट्रेलर में दिखाया गया है कि शाकिरा खलीली अचानक ही गायब हो जाती है और इससे पूरे राजघराने में हड़कंप मच जाता है।
1992 में शाकरी खलीली की दूसरी बेटी सबा ने बेंगलुरु के अशोक नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवायी थी कि उनकी मां का कई महीनों से कोई अता-पता नहीं है। शाकरी का पति श्रद्धानंद भी कोई सही जानकारी नहीं देता था। 1994 में कर्नाटक पुलिस ने शाकरी के अपने घर में दफ्न कंकाल बरामद किया। श्रद्धानंद ने कत्ल करने की बात कबूली और फिर पूछताछ में दहलाने वाली जानकारियां सामने आयीं।
गद्दे में लपेटकर ताबूत में कर दिया था बंद
शाकरी का कत्ल 28 अप्रैल 1991 को हो गया था। मारने से पहले उन्हें नशा दिया गया था। इसके बाद उन्हें गद्दे में लपेटकर ताबूत जैसे बक्से में बंद कर दिया गया था। फिर इस बॉक्स को दफ्ना दिया गया। जब शाकरी का कंकाल बाहर निकाला गया और गद्दा हटाया गया तो क्रूरता के बारे में सोचकर लोगों की रूह कांप गयी। शाकरी का एक हाथ गद्दे को कसकर पकड़े हुए था।
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ट्रेलर में शम्स ताहिर खान बताते हैं कि ताबूत के अंदर नाखून के हजारों निशान थे, जिससे पता चलता है कि दफ्नाते वक्त वो जिंदा थीं। इस बारे में निर्देशक पैट्रिक कहते हैं कि एक दुखद कहानी को बाहर लाने और तथ्य जुटाने के लिए हमने गहरी रिसर्च की है। उम्मीद है कि डॉक्यु-सीरीज से दर्शकों को अंदर की जानकारी मिलेगी।
संपत्ति के लालच में किया मर्डर
कत्ल इतनी सफाई से किया गया था कि कोई सबूत नहीं मिला। श्रद्धानंद ने तीन साल तक सच्चाई बाहर नहीं आने दी। शाकिरा खलीली की संपत्ति के लालच में ही स्वामी श्रद्धानंद ने उसका मर्डर कर दिया और जिंदा दफना दिया। बताया जाता है कि जिस वक्त शाकिरा को स्वामी श्रद्धांनद ने दफनाया, उस वक्त वह जिंदा थी। उसकी सांसें चल रही थीं।
इस दिन होगी स्ट्रीम
हैरानी की बात तो यह है कि स्वामी, पत्नी शाकिरा को दफन करने के बाद उसकी कब्र पर खूब नाचता और पार्टियां करता था। यह सिलसिला करीब तीन साल तक चलता रहा। डांसिंग ऑन द ग्रेव’ को इंडियाटुडे ओरिजिनल्स ने प्रोड्यूस किया है। इस सीरीज को पैट्रिक ग्राहम ने डायरेक्ट किया है और यह 21 अप्रैल को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज होगी।
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